शब्द का अर्थ
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पातंजल :
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वि० [सं० पतंजलि+अण्] १. पतंजलि-संबंधी। २. पतंजलिकृत। पुं० १. पतंजलिकृत योगसूत्र। २. वह जो उक्त योग-सूत्र के अनुसार योगसाधन करता हो। ३. पतंजलिकृत महाभाष्य। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातंजल :
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वि० [सं० पतंजलि+अण्] १. पतंजलि-संबंधी। २. पतंजलिकृत। पुं० १. पतंजलिकृत योगसूत्र। २. वह जो उक्त योग-सूत्र के अनुसार योगसाधन करता हो। ३. पतंजलिकृत महाभाष्य। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातंजल-दर्शन :
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पुं० [कर्म० स०] योगदर्शन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातंजल-दर्शन :
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पुं० [कर्म० स०] योगदर्शन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातंजल-भाष्य :
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पुं० [कर्म० स०] महाभाष्य नामक प्रसिद्ध व्याकरण ग्रंथ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातंजल-भाष्य :
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पुं० [कर्म० स०] महाभाष्य नामक प्रसिद्ध व्याकरण ग्रंथ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातंजल-सूत्र :
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पुं० [कर्म० स०] योगसूत्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातंजल-सूत्र :
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पुं० [कर्म० स०] योगसूत्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातंजलीय :
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वि० [सं० पातंजल] १. पतंजलि-संबंधी। २. पतंजलिकृत। |
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समानार्थी शब्द-
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पातंजलीय :
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वि० [सं० पातंजल] १. पतंजलि-संबंधी। २. पतंजलिकृत। |
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