शब्द का अर्थ
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पातर :
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वि० [सं० पात्रट, हिंदी पतला का पुराना रूप] १. जिसका दल मोटा न हो। पतला। २. क्षीणकाय। ३. बहुत ही संकीर्ण और तुच्छ स्वभाववाला। ४. नीच कुल का। अप्रतिष्ठित। उदा०—मयला अकलै मूल पातर खाँड खाँड करै भूखा।—सूर। स्त्री०=पत्तल। स्त्री० [सं० पातिली=एक विशेष जाति की स्त्री] १. वेश्या। २. तितली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातर :
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वि० [सं० पात्रट, हिंदी पतला का पुराना रूप] १. जिसका दल मोटा न हो। पतला। २. क्षीणकाय। ३. बहुत ही संकीर्ण और तुच्छ स्वभाववाला। ४. नीच कुल का। अप्रतिष्ठित। उदा०—मयला अकलै मूल पातर खाँड खाँड करै भूखा।—सूर। स्त्री०=पत्तल। स्त्री० [सं० पातिली=एक विशेष जाति की स्त्री] १. वेश्या। २. तितली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातरा :
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वि० [स्त्री० पातरी]=पतला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातरा :
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वि० [स्त्री० पातरी]=पतला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातराज :
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पुं० [देश०] एक तरह का साँप। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातराज :
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पुं० [देश०] एक तरह का साँप। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातरि (री) :
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स्त्री०=पातर (वेश्या)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पातरि (री) :
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स्त्री०=पातर (वेश्या)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |