शब्द का अर्थ
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पायस :
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पुं० [सं० पायस्+अण्] १. खीर। २. सरल का गोंद। निर्यास। ३. रसायन शास्त्र में, दूधिया रंग का वह तरल पदार्थ जिसमें तेल, सर्जरस आदि के कण सब जगह समान रूप से तैरते रहते हों। (एमल्शन) ४. दे० ‘वसापायस’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पायस :
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पुं० [सं० पायस्+अण्] १. खीर। २. सरल का गोंद। निर्यास। ३. रसायन शास्त्र में, दूधिया रंग का वह तरल पदार्थ जिसमें तेल, सर्जरस आदि के कण सब जगह समान रूप से तैरते रहते हों। (एमल्शन) ४. दे० ‘वसापायस’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पायसा :
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पुं० [सं० पार्श्व, हिं० पास] पड़ोस। आस-पास का स्थान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पायसा :
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पुं० [सं० पार्श्व, हिं० पास] पड़ोस। आस-पास का स्थान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पायसीकरण :
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पुं० [सं० पायस√कृ (करना)+च्वि, ईत्व, ल्युट्—अन] किसी तरह औषध या घोल को ऐसा रूप देना कि उसमें कुछ पदार्थों के कण तैरते रहें, नीचे बैठ न जायँ। (एमल्सिफिकेशन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पायसीकरण :
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पुं० [सं० पायस√कृ (करना)+च्वि, ईत्व, ल्युट्—अन] किसी तरह औषध या घोल को ऐसा रूप देना कि उसमें कुछ पदार्थों के कण तैरते रहें, नीचे बैठ न जायँ। (एमल्सिफिकेशन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |