शब्द का अर्थ
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पारत :
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पुं० [सं० पार√तन् (विस्तार)+ड] एक प्राचीन म्लेच्छ जाति। पारद (जाति और देश)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारत :
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पुं० [सं० पार√तन् (विस्तार)+ड] एक प्राचीन म्लेच्छ जाति। पारद (जाति और देश)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारतंत्र्य :
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पुं० [सं० परतंत्र+ष्यञ्] परतंत्रता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारतंत्र्य :
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पुं० [सं० परतंत्र+ष्यञ्] परतंत्रता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारतल्पिक :
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पुं० [सं० परतल्प+ठक्—इक] पर-स्त्री गामी। व्यभिचारी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारतल्पिक :
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पुं० [सं० परतल्प+ठक्—इक] पर-स्त्री गामी। व्यभिचारी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारत्रिक :
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वि० [सं० परत्र+ठक्—इक] १. परलोक-संबंधी। पारलौकिक। २. (कर्म या काम) जिससे पर-लोक में उत्तम गति प्राप्त हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारत्रिक :
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वि० [सं० परत्र+ठक्—इक] १. परलोक-संबंधी। पारलौकिक। २. (कर्म या काम) जिससे पर-लोक में उत्तम गति प्राप्त हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारत्र्य :
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पुं० [सं० परत्र+ष्यञ्] परलोक में मिलनेवाला फल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारत्र्य :
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पुं० [सं० परत्र+ष्यञ्] परलोक में मिलनेवाला फल। |
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समानार्थी शब्द-
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