शब्द का अर्थ
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पारा :
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पुं० [सं० पारद] एक प्रसिद्ध बहुत चमकीली और सफेद धातु जो साधारण गरमी या सरदी में द्रव अवस्था में रहती है और अनुपातिक दृष्टि से बहुत भारी या वजनी होती है। पारद। (मर्करी) मुहा०—(किसी का) पारा चढ़ना=गुस्से से बेहाल होना। पारा पिलाना=(क) किसी वस्तु के अंदर पारा भरना। (ख) किसी वस्तु को इतना अधिक भारी कर देना कि मानो उसके अंदर पारा भर दिया गया हो। पुं० [सं० पारि=प्याला] दीये के आकार का, पर उससे बड़ा मिट्टी का बरतन। परई। पुं० [फा० पारः] खंड या टुकडा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारा :
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पुं० [सं० पारद] एक प्रसिद्ध बहुत चमकीली और सफेद धातु जो साधारण गरमी या सरदी में द्रव अवस्था में रहती है और अनुपातिक दृष्टि से बहुत भारी या वजनी होती है। पारद। (मर्करी) मुहा०—(किसी का) पारा चढ़ना=गुस्से से बेहाल होना। पारा पिलाना=(क) किसी वस्तु के अंदर पारा भरना। (ख) किसी वस्तु को इतना अधिक भारी कर देना कि मानो उसके अंदर पारा भर दिया गया हो। पुं० [सं० पारि=प्याला] दीये के आकार का, पर उससे बड़ा मिट्टी का बरतन। परई। पुं० [फा० पारः] खंड या टुकडा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाराती :
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स्त्री० [सं० प्रातः] एक प्रकार के धार्मिक गीत जो देहाती स्त्रियाँ पर्वों आदि पर किसी तीर्थ या पवित्र नदी में स्नान करने के लिए आते-जाते समय रास्ते में गाती चलती हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाराती :
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स्त्री० [सं० प्रातः] एक प्रकार के धार्मिक गीत जो देहाती स्त्रियाँ पर्वों आदि पर किसी तीर्थ या पवित्र नदी में स्नान करने के लिए आते-जाते समय रास्ते में गाती चलती हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारापत :
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पुं० [सं० पार-आ√पत् (गिरना)+अच्] कबूतर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारापत :
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पुं० [सं० पार-आ√पत् (गिरना)+अच्] कबूतर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारापार :
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पुं० [सं० पार-अपार, द्व० स०+अच्] १. यह पार और वह पार। २. इधर और उधर का किनारा। ३. समुद्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारापार :
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पुं० [सं० पार-अपार, द्व० स०+अच्] १. यह पार और वह पार। २. इधर और उधर का किनारा। ३. समुद्र। |
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उपलब्ध नहीं |
पारायण :
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पुं० [सं० पार-अयन, स० त०] [वि० पारयणिक] १. किसी अनुष्ठान या कार्य की होनेवाली समाप्ति। २. नियमित रूप से किसी धार्मिक ग्रंथ का किया जानेवाला पाठ। ३. किसी चीज का बार-बार पढ़ा जाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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पारायण :
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पुं० [सं० पार-अयन, स० त०] [वि० पारयणिक] १. किसी अनुष्ठान या कार्य की होनेवाली समाप्ति। २. नियमित रूप से किसी धार्मिक ग्रंथ का किया जानेवाला पाठ। ३. किसी चीज का बार-बार पढ़ा जाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारायणी :
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स्त्री० [सं० पारायण+ङीप्] १. चिंतन या मनन करते हुए पारायण करने की क्रिया। २. सरस्वती। ३. कर्म। ४. प्रकाश। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पारायणी :
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स्त्री० [सं० पारायण+ङीप्] १. चिंतन या मनन करते हुए पारायण करने की क्रिया। २. सरस्वती। ३. कर्म। ४. प्रकाश। |
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पारावत :
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पुं० [सं० पर√अव (रक्षा)+शतृ+अण्] १. कबूतर। २. पेंड़की। ३. बंदर। ४. पहाड़। पर्वत। |
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समानार्थी शब्द-
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पारावत :
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पुं० [सं० पर√अव (रक्षा)+शतृ+अण्] १. कबूतर। २. पेंड़की। ३. बंदर। ४. पहाड़। पर्वत। |
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पारावत पदी :
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स्त्री० [ब० स०, ङीष्] १. मालकंगनी। २. काकजंघा। |
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समानार्थी शब्द-
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पारावत पदी :
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स्त्री० [ब० स०, ङीष्] १. मालकंगनी। २. काकजंघा। |
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पारावतघ्नी :
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स्त्री० [सं० पारावत√हन् (हिंसा)+टक्+ङीष्] सरस्वती नदी। |
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स्त्री० [सं० पारावत√हन् (हिंसा)+टक्+ङीष्] सरस्वती नदी। |
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पारावताश्व :
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पुं० [सं० पारावत-अश्व, ब० स०] धृष्टद्युम्न। |
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पुं० [सं० पारावत-अश्व, ब० स०] धृष्टद्युम्न। |
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पारावती :
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स्त्री० [सं० पारावत+अच्+ङीष्] १. अहीरों के एक तरह के गीत। २. कबूतरी। |
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स्त्री० [सं० पारावत+अच्+ङीष्] १. अहीरों के एक तरह के गीत। २. कबूतरी। |
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पारावारीण :
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वि० [सं० पार-अवार, द्व० स०,+ख—ईन] १. जो दोनों किनारों पर जाता या पहुँचता हो। २. पारंगत। |
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वि० [सं० पार-अवार, द्व० स०,+ख—ईन] १. जो दोनों किनारों पर जाता या पहुँचता हो। २. पारंगत। |
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पाराशर :
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वि० [सं० पराशर+अण्] १. पराशर-संबंधी। २. पराशर द्वारा रचित। पुं० पराशर मुनि के पुत्र, वेदव्यास। |
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वि० [सं० पराशर+अण्] १. पराशर-संबंधी। २. पराशर द्वारा रचित। पुं० पराशर मुनि के पुत्र, वेदव्यास। |
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समानार्थी शब्द-
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पाराशरि :
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पुं० [सं० पराशर+इञ्] १. शुकदेव। २. वेदव्यास। |
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पाराशरि :
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पुं० [सं० पराशर+इञ्] १. शुकदेव। २. वेदव्यास। |
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पाराशरी (रिन्) :
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पुं० [सं० पाराशर्य+णिनि, य लोप] १. संन्यासी। २. वह संन्यासी जो व्यास द्वारा रचित शारीरिक सूत्रों का अध्ययन करता हो। |
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पुं० [सं० पाराशर्य+णिनि, य लोप] १. संन्यासी। २. वह संन्यासी जो व्यास द्वारा रचित शारीरिक सूत्रों का अध्ययन करता हो। |
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पाराशर्य :
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पुं० [सं० पराशर+यञ्]=पराशर। |
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पुं० [सं० पराशर+यञ्]=पराशर। |
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