शब्द का अर्थ
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पिंजल :
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वि० [सं० √पिञ्ज्+कलच्] १. दुःख, भय संकट आदि के कारण जिसका वर्ण पीला पड़ गया हो। २. दुःखी। ३. व्याकुल। ४. बहुत अधिक आतंकित। पुं० १. कुशा। २. हरताल। ३. जाल-बेंत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिंजल :
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वि० [सं० √पिञ्ज्+कलच्] १. दुःख, भय संकट आदि के कारण जिसका वर्ण पीला पड़ गया हो। २. दुःखी। ३. व्याकुल। ४. बहुत अधिक आतंकित। पुं० १. कुशा। २. हरताल। ३. जाल-बेंत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिंजली :
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स्त्री० [सं० पिंजल+ङीष्] एक में बँधी हुई कुश धास की दो नुकीली पत्तियाँ जिनका उपयोग यज्ञ में होता था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिंजली :
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स्त्री० [सं० पिंजल+ङीष्] एक में बँधी हुई कुश धास की दो नुकीली पत्तियाँ जिनका उपयोग यज्ञ में होता था। |
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समानार्थी शब्द-
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