शब्द का अर्थ
|
पिनक :
|
स्त्री० [हिं० पिनकना] १. पिनकने की क्रिया या भाव। २. अफीमची की वह अवस्था जिमसें वह नशे की अधिकता के कारण सिर झुकाकर बैठे रहने की दशा में बेसुध या सोया हुआ सा रहता है। क्रि० प्र० लेना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनक :
|
स्त्री० [हिं० पिनकना] १. पिनकने की क्रिया या भाव। २. अफीमची की वह अवस्था जिमसें वह नशे की अधिकता के कारण सिर झुकाकर बैठे रहने की दशा में बेसुध या सोया हुआ सा रहता है। क्रि० प्र० लेना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनकना :
|
अ० [हिं० पीनक] १. अफीमची का नशे की हालत में रह-रहकर ऊँघते हुए आगे की ओर झुकना। पीनक लेना। २. अधिक नींद आने के कारण सिर का रह-रहकर झुक पड़ना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनकना :
|
अ० [हिं० पीनक] १. अफीमची का नशे की हालत में रह-रहकर ऊँघते हुए आगे की ओर झुकना। पीनक लेना। २. अधिक नींद आने के कारण सिर का रह-रहकर झुक पड़ना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनकी :
|
पुं० [हिं० पीनक] वह जो अफीमचियों की तरह बैठे-बैठे सोता हो और नीचे की ओर सिर रह-रहकर झुकाता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनकी :
|
पुं० [हिं० पीनक] वह जो अफीमचियों की तरह बैठे-बैठे सोता हो और नीचे की ओर सिर रह-रहकर झुकाता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |