शब्द का अर्थ
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पिलना :
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अ० [सं० पिल=प्रेरणा] १. वेगपूर्वक अन्दर की ओर धँसना या पठना। जैसे—सब लोग घर के अन्दर पिल पडे़। २. पूरी शक्ति से किसी काम में जुटना या लगना। ३. भिड़ जाना। संयो.० क्रि०—पड़ना। ४. ऊख तिल आदि का पेरा जाना। संयो० क्रि०—जाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिलना :
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अ० [सं० पिल=प्रेरणा] १. वेगपूर्वक अन्दर की ओर धँसना या पठना। जैसे—सब लोग घर के अन्दर पिल पडे़। २. पूरी शक्ति से किसी काम में जुटना या लगना। ३. भिड़ जाना। संयो.० क्रि०—पड़ना। ४. ऊख तिल आदि का पेरा जाना। संयो० क्रि०—जाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |