शब्द का अर्थ
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पीड़क :
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वि० [सं०√पीड़+ण्वुल्—अक] पीड़क। (दे०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीड़क :
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वि० [सं० पीड़क से] १. जो दूसरों को शारीरिक कष्ट पहुँचाता हो। पीड़ा देनेवाला। २. अधिक व्यापक अर्थ में, बहुत बड़ा अत्याचारी या जुल्मी। ३. दबाने या पीसनेवाला। जैसे—पीड़क-चक्र=वह पहिया जो दबाता या पीसता हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीड़क :
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वि० [सं०√पीड़+ण्वुल्—अक] पीड़क। (दे०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीड़क :
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वि० [सं० पीड़क से] १. जो दूसरों को शारीरिक कष्ट पहुँचाता हो। पीड़ा देनेवाला। २. अधिक व्यापक अर्थ में, बहुत बड़ा अत्याचारी या जुल्मी। ३. दबाने या पीसनेवाला। जैसे—पीड़क-चक्र=वह पहिया जो दबाता या पीसता हो। |
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समानार्थी शब्द-
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