शब्द का अर्थ
|
पीतक :
|
पुं० [सं० पीत+क] १. हरताल। २. केसर। ३. अगर। ४. पदमाख। ५. सोनामाखी। ६. तुन। ७. विजयसार। ८. सोनापाठा। ९. हल्दी। हरिद्रा। १॰. किंकिरात। ११. पीतल। १२. पीला चंदन। १३. एक प्रकार का बबूल। १४. शहद। १५. गाजर। १६. सफेद जीरा। १७. पीली लोध। १८. चिरायता। १९. अंडे के आकार का पीला अंश। अंडे की जरदी। वि० पीले रंग का । पीला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीतक :
|
पुं० [सं० पीत+क] १. हरताल। २. केसर। ३. अगर। ४. पदमाख। ५. सोनामाखी। ६. तुन। ७. विजयसार। ८. सोनापाठा। ९. हल्दी। हरिद्रा। १॰. किंकिरात। ११. पीतल। १२. पीला चंदन। १३. एक प्रकार का बबूल। १४. शहद। १५. गाजर। १६. सफेद जीरा। १७. पीली लोध। १८. चिरायता। १९. अंडे के आकार का पीला अंश। अंडे की जरदी। वि० पीले रंग का । पीला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीतक-द्रुम :
|
पुं० [कर्म० स०] हलदुआ। हरिद्रवृक्ष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीतक-द्रुम :
|
पुं० [कर्म० स०] हलदुआ। हरिद्रवृक्ष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीतकंद :
|
पुं० [ब० स०] गाजर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीतकंद :
|
पुं० [ब० स०] गाजर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीतका :
|
स्त्री० [सं० पीतक+टाप्] १. कटसरैया। २. हलदी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीतका :
|
स्त्री० [सं० पीतक+टाप्] १. कटसरैया। २. हलदी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |