शब्द का अर्थ
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पील :
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पुं० [सं० पीलु (हाथी) इसे फा०] १. हाथी। गज। हस्ति। २. शतरंज के खेल का हाथी नामक मोहरा। पुं०=पीलु (पिल्लू नामक कीड़ा)। पुं०=पीलु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पील :
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पुं० [सं० पीलु (हाथी) इसे फा०] १. हाथी। गज। हस्ति। २. शतरंज के खेल का हाथी नामक मोहरा। पुं०=पीलु (पिल्लू नामक कीड़ा)। पुं०=पीलु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पील-पाँव :
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पुं०=फील पाँव।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पील-पाँव :
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पुं०=फील पाँव।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलक :
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पुं० [देश०] पीले रंग का एक प्रकार का पक्षी जिसके डैने काले और चोंच लाल होती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलक :
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पुं० [देश०] पीले रंग का एक प्रकार का पक्षी जिसके डैने काले और चोंच लाल होती है। |
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उपलब्ध नहीं |
पीलखा :
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पुं० [देश०] एक प्रकार का वृक्ष। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलखा :
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पुं० [देश०] एक प्रकार का वृक्ष। |
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पीलपाया :
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पुं० [फा० पीलपायः] १. आधार या आश्रय के लिए किसी चीज के नीचे लगाई जानेवाली टेक या थूनी। २. किलों आदि की दीवारों के नीचे या साथ सहारे के लिए बनी हुई बहुत मोटी दीवार। |
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पीलपाया :
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पुं० [फा० पीलपायः] १. आधार या आश्रय के लिए किसी चीज के नीचे लगाई जानेवाली टेक या थूनी। २. किलों आदि की दीवारों के नीचे या साथ सहारे के लिए बनी हुई बहुत मोटी दीवार। |
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पीलपाल :
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पुं०=फीलवान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलपाल :
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पुं०=फीलवान। |
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पीलवान :
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पुं०=फीलवान। |
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पीलवान :
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पुं०=फीलवान। |
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पीलसोज :
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पुं० [फा० फतीलसोज] दीयट। चिरागदान। |
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पीलसोज :
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पुं० [फा० फतीलसोज] दीयट। चिरागदान। |
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पीला :
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वि० [सं० पीत] [स्त्री० पीली, भाव० पीलापन] १. (पदार्थ) जो केसर, सोने या हलदी के रंग का हो। पीत। जर्द। २. (शरीर का वर्ण) जो रक्त की कमी के कारण हलका सफेद हो गया हो और जिसमें स्वास्थ्य की सूचक चमक या लाली न रह गई हो। जैसे—बीमारी के कारण उनका सारा शरीर पीला पड़ गया है। क्रि० प्र०—पड़ना। ३. (शरीर का वर्ण) जो भय, लज्जा आदि के कारण उक्त प्रकार का हो गया हो। जैसे—मुझे देखते ही उसका चेहरा पीला पड गया। क्रि० प्र०—पड़ना। पुं० [?] एक प्रकार का रंग जो हलदी या सोने के रंग से मिलता-जुलता होता है। पुं० [सं० पीलु फा० पील] शतरंज का पील, फील या हाथी नामक मोहरा। |
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पीला :
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वि० [सं० पीत] [स्त्री० पीली, भाव० पीलापन] १. (पदार्थ) जो केसर, सोने या हलदी के रंग का हो। पीत। जर्द। २. (शरीर का वर्ण) जो रक्त की कमी के कारण हलका सफेद हो गया हो और जिसमें स्वास्थ्य की सूचक चमक या लाली न रह गई हो। जैसे—बीमारी के कारण उनका सारा शरीर पीला पड़ गया है। क्रि० प्र०—पड़ना। ३. (शरीर का वर्ण) जो भय, लज्जा आदि के कारण उक्त प्रकार का हो गया हो। जैसे—मुझे देखते ही उसका चेहरा पीला पड गया। क्रि० प्र०—पड़ना। पुं० [?] एक प्रकार का रंग जो हलदी या सोने के रंग से मिलता-जुलता होता है। पुं० [सं० पीलु फा० पील] शतरंज का पील, फील या हाथी नामक मोहरा। |
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पीला-कनेर :
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पुं० [हिं० पीला+कनेर] एक तरह का कनेर जिसमें पीले रंग के फूल लगते हैं। |
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उपलब्ध नहीं |
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पुं० [हिं० पीला+कनेर] एक तरह का कनेर जिसमें पीले रंग के फूल लगते हैं। |
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पीला-धतूरा :
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पुं० [हिं० पीला+धतूरा] ऊँटकटारा। घमोय। भँड़-भाँड़। सत्यानासी। |
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पुं० [हिं० पीला+धतूरा] ऊँटकटारा। घमोय। भँड़-भाँड़। सत्यानासी। |
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पीला-बरेला :
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पुं० [देश०] बनमेथी। बरियारा। |
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पीला-बरेला :
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पुं० [देश०] बनमेथी। बरियारा। |
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पीला-बाला :
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पुं०=लामज (तृण)। |
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पुं०=लामज (तृण)। |
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पीला-शेर :
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पुं० [हिं० पीला+फा० शेर] अफ्रीका के जंगलों में रहनेवाले शेरों की एक जाति जिसका रंग पीला होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीला-शेर :
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पुं० [हिं० पीला+फा० शेर] अफ्रीका के जंगलों में रहनेवाले शेरों की एक जाति जिसका रंग पीला होता है। |
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पीलापन :
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पुं० [हिं० पीला+पन (प्रत्य०)] १. पीले होने की अवस्था, गुण या भाव। पीतता। जर्दी। २. खून की कमी अथवा भय आदि के कारण होनेवाली शरीर की रंगत। |
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समानार्थी शब्द-
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पीलापन :
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पुं० [हिं० पीला+पन (प्रत्य०)] १. पीले होने की अवस्था, गुण या भाव। पीतता। जर्दी। २. खून की कमी अथवा भय आदि के कारण होनेवाली शरीर की रंगत। |
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पीलित :
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भू० कृ० [सं०] जिसमें बल डाले गये हों, या पड़े हों। ऐंठा या मरोडा हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलित :
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भू० कृ० [सं०] जिसमें बल डाले गये हों, या पड़े हों। ऐंठा या मरोडा हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलिमा :
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स्त्री० [हिं० पीला] पीलापन। (‘कालिमा’ के अनुकरण पर; असिद्ध रूप)। |
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स्त्री० [हिं० पीला] पीलापन। (‘कालिमा’ के अनुकरण पर; असिद्ध रूप)। |
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पीलिया :
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पुं० [हिं० पीला+इया (प्रत्य०)] कमल नामक रोग जिसमें मनुष्य की आँखें और शरीर पीला पड़ जाता है। |
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पीलिया :
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पुं० [हिं० पीला+इया (प्रत्य०)] कमल नामक रोग जिसमें मनुष्य की आँखें और शरीर पीला पड़ जाता है। |
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पीली :
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स्त्री० [हिं० पीला=पीत] तड़के या प्रभात के समय आकाश में दिखाई देनेवाली लाली जो कुछ पीलापन लिये होती है। मुहा०—पीली फटना=तड़का या प्रभात होना। पौ फटना। |
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पीली :
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स्त्री० [हिं० पीला=पीत] तड़के या प्रभात के समय आकाश में दिखाई देनेवाली लाली जो कुछ पीलापन लिये होती है। मुहा०—पीली फटना=तड़का या प्रभात होना। पौ फटना। |
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पीली-चमेली :
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स्त्री० [हिं०] चमेली के पौधों की एक जाति। |
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स्त्री० [हिं०] चमेली के पौधों की एक जाति। |
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पीली-चिट्ठी :
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स्त्री० [हिं० पीला+चिट्ठी] विवाह आदि शुभ कृत्यों का निमंत्रण-पत्र जो प्रायः पीले रंग के कागज पर छपा या लिखा रहता है अथवा जिस पर केसर आदि छिड़का रहता है। |
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समानार्थी शब्द-
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स्त्री० [हिं० पीला+चिट्ठी] विवाह आदि शुभ कृत्यों का निमंत्रण-पत्र जो प्रायः पीले रंग के कागज पर छपा या लिखा रहता है अथवा जिस पर केसर आदि छिड़का रहता है। |
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पीली-जुही :
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स्त्री०=सोन-जुही। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीली-जुही :
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स्त्री०=सोन-जुही। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीली-मिट्टी :
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स्त्री० [हिं० पीला+मिट्टी] १. पीले रंग की मिट्टी। २. पटिया आदि पर पोतने की पीले रंग की जमी हुई कड़ी चिकनी मिट्टी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीली-मिट्टी :
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स्त्री० [हिं० पीला+मिट्टी] १. पीले रंग की मिट्टी। २. पटिया आदि पर पोतने की पीले रंग की जमी हुई कड़ी चिकनी मिट्टी। |
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पीलु :
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पुं० [सं०√पील (रोकना)+ड] १. दो-तीन हाथ ऊँचा एक तरह का क्षुप जिसमें पीले रंग के गुच्छाकार फूल तथा कालापन लिये हुए लाल रंग के छोटे-छोटे गोल फल लगते हैं। ३. उक्त क्षुप का फल। ४. पुष्प। फूल। ५. हाथी। ६. परमाणु। ७. तालु वृक्ष का तना। ८. हड्डी का टुकड़ा। ९. तीर। वाण। १॰. कृमि। कीड़ा। ११. चने का साग। १२. सरकंडे या सरपत का फूल। १३. लाल कटसरैया। १४. अखरोट का पेड़। १५. हाथ की हथेली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलु :
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पुं० [सं०√पील (रोकना)+ड] १. दो-तीन हाथ ऊँचा एक तरह का क्षुप जिसमें पीले रंग के गुच्छाकार फूल तथा कालापन लिये हुए लाल रंग के छोटे-छोटे गोल फल लगते हैं। ३. उक्त क्षुप का फल। ४. पुष्प। फूल। ५. हाथी। ६. परमाणु। ७. तालु वृक्ष का तना। ८. हड्डी का टुकड़ा। ९. तीर। वाण। १॰. कृमि। कीड़ा। ११. चने का साग। १२. सरकंडे या सरपत का फूल। १३. लाल कटसरैया। १४. अखरोट का पेड़। १५. हाथ की हथेली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलु-पत्र :
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पुं० [ब० स०] मोरट नाम की लता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलु-पत्र :
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पुं० [ब० स०] मोरट नाम की लता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलु-पर्णी :
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स्त्री० [ब० स०,+ङीष्] १. चुरनहार। मूर्वा। २. कुँदुरू। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलु-पर्णी :
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स्त्री० [ब० स०,+ङीष्] १. चुरनहार। मूर्वा। २. कुँदुरू। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलु-पाक :
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पुं० [ष० त०] वैशेषिक का यह सिद्धान्त कि तेज के प्रभाव से पदार्थों के परमाणु पहले अलग-अलग होते और फिर मिलकर एक हो जाते हैं। जैसे—कच्ची मिट्टी के घड़े का जब अग्नि या ताप से संयोग होता है तब पहले परमाणु अलग-अलग होते हैं और फिर लाल होने पर मिलकर एक हो जाते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलु-पाक :
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पुं० [ष० त०] वैशेषिक का यह सिद्धान्त कि तेज के प्रभाव से पदार्थों के परमाणु पहले अलग-अलग होते और फिर मिलकर एक हो जाते हैं। जैसे—कच्ची मिट्टी के घड़े का जब अग्नि या ताप से संयोग होता है तब पहले परमाणु अलग-अलग होते हैं और फिर लाल होने पर मिलकर एक हो जाते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलु-मला :
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स्त्री० [ब० स०,+टाप्] जवान गाय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलु-मला :
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स्त्री० [ब० स०,+टाप्] जवान गाय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलु-मूल :
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पुं० [ष० त०] १. पीलु वृक्ष की जड़। २. सतावर। ३. शाल-पर्णी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलु-मूल :
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पुं० [ष० त०] १. पीलु वृक्ष की जड़। २. सतावर। ३. शाल-पर्णी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलुआ :
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पुं० [देश०] मछली पकड़ने का बहुत बड़ा जाल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलुआ :
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पुं० [देश०] मछली पकड़ने का बहुत बड़ा जाल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलुक :
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पुं० [सं० पीलु√कै+क] च्यूँटा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलुक :
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पुं० [सं० पीलु√कै+क] च्यूँटा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलुनी :
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स्त्री० [सं०√पील+उन+ङीष्] १. चुरनहार। मूर्वा। २. चने का साग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलुनी :
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स्त्री० [सं०√पील+उन+ङीष्] १. चुरनहार। मूर्वा। २. चने का साग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलुपाक-वाद :
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पुं० [ष० त०] वैशेषिकों का पीलुपाक-संबंधी। मत या सिद्धान्त। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलुपाक-वाद :
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पुं० [ष० त०] वैशेषिकों का पीलुपाक-संबंधी। मत या सिद्धान्त। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलुपाकवादी (दिन्) :
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वि० [पीलुपाकवादी+इनि, (बोलना)+णिनि] पीलुपाकवादा संबंधी। पुं० १. पीलु-पाक का सिद्धान्त माननेवाला व्यक्ति। २. वैशेषिक दर्शन का अनुयायी या पंडित। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलुपाकवादी (दिन्) :
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वि० [पीलुपाकवादी+इनि, (बोलना)+णिनि] पीलुपाकवादा संबंधी। पुं० १. पीलु-पाक का सिद्धान्त माननेवाला व्यक्ति। २. वैशेषिक दर्शन का अनुयायी या पंडित। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलू :
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पुं० [सं० पीलु] १. एक प्रकार का का काँटेदार वृक्ष जो दक्षिण भारत में अधिकता से होता है। इसकी पत्तियाँ ओषधि के काम आती है। २. पिल्लू नाम का कीड़ा। ३.संगीत में एक प्रकार का राग जिसके गाने का समय दिन के तीसे पहर कहा गया है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीलू :
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पुं० [सं० पीलु] १. एक प्रकार का का काँटेदार वृक्ष जो दक्षिण भारत में अधिकता से होता है। इसकी पत्तियाँ ओषधि के काम आती है। २. पिल्लू नाम का कीड़ा। ३.संगीत में एक प्रकार का राग जिसके गाने का समय दिन के तीसे पहर कहा गया है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |