शब्द का अर्थ
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पुड़िया :
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स्त्री० [सं० पुटिका] १. कागज के टुकड़े को कुछ विशिष्ट प्रकार से मोड़ तथा उसके किनारों पर विशिष्ट प्रकार से बल चढ़ाकर ऐसा रूप देना कि उसमें रखी जानेवाली चीज बंद हो जाय। जैसे— (क) सौंफ या धनिये की पुड़िया। (ख) दवा की पुड़िया। २. पुड़िया में लपेटी हुई दवा या ऐसी ही और कोई चीज। जैसे—एक पुड़िया आज और दो पुडिया कल खानी होगी। ३. उक्त के आधार पर ऐसी चीज जो देखने में छोटी सी हो परन्तु प्रभाव की दृष्टि से उग्र या प्रबल हो। जैसे—यह लड़का जहर की पुड़िया है। ४. मुसलमानों में अबीर, गुलाल आदि की वह पुड़िया जो किसी कब्र या मजार पर भेंट के रूप में चढ़ाई जाती है। मुहा०—पुडि़या उड़ाना=आकांक्षा या मन्नत पूरी होने पर कब्र या मजार पर अबीर, गुलाल आदि उड़ाना या चढ़ाना। ५. किसी के पास होनेवाली सारी पूँजी या सम्पत्ति। जैसे—अब तो उनके पास पचास हजार की पुड़िया हो गई है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुड़िया :
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स्त्री० [सं० पुटिका] १. कागज के टुकड़े को कुछ विशिष्ट प्रकार से मोड़ तथा उसके किनारों पर विशिष्ट प्रकार से बल चढ़ाकर ऐसा रूप देना कि उसमें रखी जानेवाली चीज बंद हो जाय। जैसे— (क) सौंफ या धनिये की पुड़िया। (ख) दवा की पुड़िया। २. पुड़िया में लपेटी हुई दवा या ऐसी ही और कोई चीज। जैसे—एक पुड़िया आज और दो पुडिया कल खानी होगी। ३. उक्त के आधार पर ऐसी चीज जो देखने में छोटी सी हो परन्तु प्रभाव की दृष्टि से उग्र या प्रबल हो। जैसे—यह लड़का जहर की पुड़िया है। ४. मुसलमानों में अबीर, गुलाल आदि की वह पुड़िया जो किसी कब्र या मजार पर भेंट के रूप में चढ़ाई जाती है। मुहा०—पुडि़या उड़ाना=आकांक्षा या मन्नत पूरी होने पर कब्र या मजार पर अबीर, गुलाल आदि उड़ाना या चढ़ाना। ५. किसी के पास होनेवाली सारी पूँजी या सम्पत्ति। जैसे—अब तो उनके पास पचास हजार की पुड़िया हो गई है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |