शब्द का अर्थ
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पुणग :
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अव्य० [सं० पुनः] भी । (राज०) उदा०—प्राण दिये पाणी पुणग, जावा न दिये जेह।—बाँकीदास। पुं०=पन्नग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुणग :
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अव्य० [सं० पुनः] भी । (राज०) उदा०—प्राण दिये पाणी पुणग, जावा न दिये जेह।—बाँकीदास। पुं०=पन्नग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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