शब्द का अर्थ
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पुनना :
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स० [हिं० पूरना] गालियाँ देना। दुर्वचन कहना। उदा०—माँ बहने पुनी जा रही हों, और ये खुश हैं, बाछे खिली जा रही हैं।— मिरजा रुसवा। स०=छानना। (पश्चिम)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) अ० [सं० पूर्ण] पूरा होना। पूजना। उदा०—पाप करंता मरि गइआ, अउध पुनि खिन मांहि।—कबीर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) स० पूरा करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुनना :
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स० [हिं० पूरना] गालियाँ देना। दुर्वचन कहना। उदा०—माँ बहने पुनी जा रही हों, और ये खुश हैं, बाछे खिली जा रही हैं।— मिरजा रुसवा। स०=छानना। (पश्चिम)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) अ० [सं० पूर्ण] पूरा होना। पूजना। उदा०—पाप करंता मरि गइआ, अउध पुनि खिन मांहि।—कबीर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) स० पूरा करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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