शब्द का अर्थ
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पुनर्विहित :
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भू० कृ० [सं० मध्य० स०] १. जिसका फिर से विधान हुआ या किया गया हो। २. (पहले से बना हुआ विधान) जो फिर से घटा-बढ़ाकर ठीक किया गया और नये विधान के रूप में लाया गया हो। (री-एनैक्टैड) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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भू० कृ० [सं० मध्य० स०] १. जिसका फिर से विधान हुआ या किया गया हो। २. (पहले से बना हुआ विधान) जो फिर से घटा-बढ़ाकर ठीक किया गया और नये विधान के रूप में लाया गया हो। (री-एनैक्टैड) |
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