| शब्द का अर्थ | 
					
				| पुष्टि-मार्ग					 : | पुं० [ष० त०] भक्ति-क्षेत्र में, श्री वल्लभाचार्य के शुद्धाद्वैत मन की साधना-व्यवस्था जो श्रीमद्भागवत के ‘पोषणं तदनुग्रहः’ वाले तत्त्व पर आधारित है। इसमें भक्त कर्म-निरपेक्ष होकर भगवान श्रीकृष्ण को आत्म-समर्पण करके ही सुखी रहता है; और अपने कर्मों के फल की कामना नहीं करता। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुष्टि-मार्ग					 : | पुं० [ष० त०] भक्ति-क्षेत्र में, श्री वल्लभाचार्य के शुद्धाद्वैत मन की साधना-व्यवस्था जो श्रीमद्भागवत के ‘पोषणं तदनुग्रहः’ वाले तत्त्व पर आधारित है। इसमें भक्त कर्म-निरपेक्ष होकर भगवान श्रीकृष्ण को आत्म-समर्पण करके ही सुखी रहता है; और अपने कर्मों के फल की कामना नहीं करता। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |