पूर्व-राग/poorv-raag

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पूर्व-राग  : पुं० [कर्म० स०] साहित्य में किसी के प्रति मन में उत्पन्न होनेवाला वह प्रेम जो बिना प्रिय को देखे केवल उसका गुण या नाम सुनने, चित्र आदि देखने से होता है। इसकी ये दस दशाएँ कही गई हैं
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पूर्व-राग  : पुं० [कर्म० स०] साहित्य में किसी के प्रति मन में उत्पन्न होनेवाला वह प्रेम जो बिना प्रिय को देखे केवल उसका गुण या नाम सुनने, चित्र आदि देखने से होता है। इसकी ये दस दशाएँ कही गई हैं
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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