| 
		
			| शब्द का अर्थ |  
				| प्रतिक्षेप					 : | पुं० [सं० प्रति√क्षिप् (प्रेरित करना)+घञ्] १. बलपूर्वक पीछे की ओर फेंकना या हटाना। जैसे—आक्रमण करनेवाले शत्रु का प्रतिक्षेप। २. गृहीत, मान्य या स्वीकृत न करना। अग्राह्य, अमान्य या अस्वीकृत करना। ३. अपने अनुकूल न समझकर या अरुचिकर होने पर अलग या दूर करना अथवा हटाना। ४. किसी प्रकार के गुण, प्रकृति आदि का उत्कट विरोध होने के कारण एक तत्त्व या पदार्थ का दूसरे तत्त्व या पदार्थ को दूर हटाना। (रिपल्सन; उक्त सभी अर्थों में) ५. रोकना। ६. तिरस्कार। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| प्रतिक्षेपण					 : | पुं० [सं० प्रति√क्षिप्+ल्युट्—अन] प्रतिक्षेप करने की क्रिया या भाव। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |