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			| शब्द का अर्थ |  
				| प्रतीत्य-समुत्पाद					 : | पुं० [सं० ष० त०] बौद्धों के अनुसार अविद्या, संस्कार विज्ञान, नामरूप, षडायतन, स्पर्श, वेदना, तृष्णा, उपादान, भय, जाति और दुःख से बारहों पदार्थ जो उत्तरोत्तर संबद्ध हैं और क्रमात् एक दूसरे से उत्पन्न होते हैं। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |