शब्द का अर्थ
|
प्राकृत-प्रलय :
|
पं० [कर्म० स०] वेदांत के अनुसार अर्थात् प्रलय का वह उग्र रूप जिसमें तीनों लोकों के सिवा महतत्त्व अर्थात प्रकृति के पहले और मूल विकार तक का क्षय या विनाश हो जाता है; और प्रकृति भी ब्रह्म में लीन हो जाती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|