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			| शब्द का अर्थ |  
				| प्राण-प्रतिष्ठा					 : | स्त्री० [ष० त०] १. किसी में प्राण डालकर उसे प्राणयुक्त अर्थात् सजीव बनाना। २. देवालय स्थापित करते समय किसी विशिष्ट मूर्ति में वास करने के लिए उसके देवता का किया जानेवाला आवाहन तथा स्थापना जो कर्म-कांड का धर्मिक कृत्य है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |