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			| शब्द का अर्थ |  
				| प्रेत-शरीर					 : | पुं० [सं० ष० त०] पुराणों के अनुसार मृत व्यक्ति की जीवात्मा की वह अवस्था जिसमें वह तब तक लिंग रूप में, या सूक्ष्म शरीर धारण करके रहती है, जब तक उसका सपिंडी नामक श्राद्ध नहीं हो जाता। भोग-शरीर। विशेष—कहते हैं कि सपिंडी हो जाने पर उसका प्रेतत्व नष्ट हो जाता है और वह अपने कर्मों का फल भोगने के लिए नरक या स्वर्ग में चला जाता है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |