शब्द का अर्थ
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प्रोत :
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भू० कृ० [सं० प्र√वे—(बुझना)+क्त,सम्प्रसारण] १. किसी के साथ या किसी में अच्छी तरह मिला हुआ। पद—ओतप्रोत। २. गाँठ लगाकर बाँधा हुआ। ३. सीया हुआ। ४. छिपा हुआ। गुप्त। पुं० कपड़ा। वस्त्र। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रोत्कट :
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वि० [सं० प्र-उत्कट, प्रा० स०] [भाव० प्रोत्कटता] १. उत्कट। २. विशेष रूप में बहुत बड़ा। |
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प्रोत्कंठ :
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वि० [सं० प्र-उत्कंठा, ब० स०]=उत्कंठित। |
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प्रोत्तुंग :
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वि० [सं० प्र-उत्तुंग, प्रा० स०] बहुत ऊँचा। |
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प्रोत्तेजन :
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पुं० [सं० प्र-उत्तेजन, प्रा० स०] [भू० कृ० प्रोत्तेजित] बहुत बढ़े हुए रूप में उत्तेजना उत्पन्न करना। ३. बहुत उत्कट या तीव्र उत्तेजन। |
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प्रोत्थित :
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भू० कृ० [सं० प्र-उत्थित, प्रा० स०] १. आधार पर रखा हुआ। किसी पर टिका या ठहरा हुआ। २. ऊपर उठाया हुआ। ३. बहुत ऊपर निकला या बढ़ा हुआ। |
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प्रोत्फुल्ल :
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वि० [सं० प्र-उत्√फुल्ल्+अच्] १. अच्छी तरह खिला हुआ। २. विशेष रूप से प्रसन्न या हर्षित। |
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प्रोत्सारण :
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पुं० [सं० प्र-उत्√सृ (गति)+णिच्+ल्युट्—अन] [भू० कृ० प्रोत्सारित] १. हटाना। २. निकालना। ३. पिंड या पीछा छुड़ाना। |
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प्रोत्साह :
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पुं० [सं० प्र-उत√सह्+णिच्+घञ्] बहुत अधिक बढ़ा हुआ उत्साह या उमंग। |
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प्रोत्साहक :
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वि० [सं० प्र-उत्√सह्+णिच्+ण्वुल्—अक] उत्साह बढ़ानेवाला। हिम्मत बँधानेवाला। |
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प्रोत्साहन :
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पुं० [सं० प्र-उत्√सह्+णिच्+ल्युट्—अन] [भू० कृ० प्रोत्साहित] १. बहुत अधिक उत्साह बढ़ाना। हिम्मत बाँधना। २. प्रोत्साहित करने के लिए कही जानेवाली बात। उत्तेजित करना। |
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प्रोत्साहित :
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भू० कृ० [सं० प्र-उत्√सह्+णिच्+क्त] जिसे विशेष रूप में प्रोत्साहन दिया गया हो। अच्छी तरह उत्साहित किया हुआ। |
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