फँसाना/phansaana

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फँसाना  : स० [हिं० फँसना] १. ऐसा काम करना जिससे कोई चीज फँसती हो। बंधन, फंदे जाल में लाना और जकड़कर रखना। २. कोई चीज इस प्रकार अटकाना या किसी दूसरी चीज में उलझाना कि वह जल्दी छूट न सके जैसे—बोतल में काग फँसाना। ३. धन आदि किसी ऐसे व्यक्ति को देना या ऐसी स्थिति में लगा रखना कि उससे या वहाँ से जल्दी वह लौटकर प्राप्त न हो सकता हो। ४. किसी चाल युक्ति आदि के द्वारा किसी को इस प्रकार अपने अधिकार में लाना कि उसे ठगा या धोखा देकर अपना स्वार्थ साधा जा सके। जैसे—असामी फँसाना। ५. पर-पुरुष या पर-स्त्री को अपने प्रेम-पाश में आबद्ध करके उससे अनुचित संबंध स्थापित करना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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