बैठकी/baithakee

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बैठकी  : स्त्री० [हिं० बैठक+ई (प्रत्य०)] १. किसी स्थान पर प्रायः जाकर बैठने की क्रिया। जैसे–आज-कल वकील साहब के यहाँ उनकी बहुत बैठकी होती है। २. बार-बार बैठने और उठने की कसरत। बैठक। ३. बैठने का आसन। बैठक। ४. वेश्याओं का वह गाना जिसमें वे बैठकर गाती है, नाचती नहीं। ५. शीशे का वह झाड़ जो जमीन पर रखकर जलाया जाता है। (छत में लटकाये जानेवाले झाड़ से भिन्न) ६. वह नगीना जो किसी गहने में जड़कर बैठाया जाता है। (बेधकर पिरोये जानेवाले नगीने से भिन्न) जैसे—अँगूठी में जड़ा जाने-वाला मोती ‘बैठकी’ कहलाता है। वि० बैठने से सम्बन्ध रखनेवाला। जैसे—बैठकी हड़ताल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बैठकी हड़ताल  : स्त्री० [हिं०] हड़ताल का वह प्रकार या रूप जिसमें किसी कर्मशाला या कार्यालय में कर्मचारी लोग उपस्थित तो होते हैं, पर अपने अपने स्थान पर खाली बैठे रहते हैं, अपना काम नहीं करते। बैठ-हड़ताल। (सिट डाउन स्ट्राइक)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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