भरती/bharatee

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भरती  : स्त्री० [हिं० भरना] १. किसी चीज में कोई दूसरी चीज भरने की क्रिया,या भाव। भराई। पद—भरती का=जो अनावश्यक रूप से यों ही स्थान-पूर्ति मात्र के विचार से रखा या सम्मिलित किया गया हो। जैसे—इस पुस्तकालय में बहुत सी पुस्तकें तो यों ही भरती की जान पड़ती है। २. नक्काशी, चित्रकारी, कसीदे आदि के बीच का स्थान इस प्रकार भरना जिसमें उसका सौन्दर्य बढ़ जाय। जैसे—कसीदे के बूटों में की भरती, नैचे में की भरती। ३. किसी दल वर्ग समाज आदि में कार्यकर्ता सदस्य आदि के रूप में प्रविष्ट या सम्मिलित किये जाने की क्रिया या भाव। जैसे—विद्यालय में विद्यार्थी की या सेना में रंगरूट की होनेवाली भरती। ४. वह जहाज या नाव जिसमें माल लादा जाता हो। (लश०) ५. जहाज या नाव में उक्त प्रकार से भरा हुआ माल (लश०) ६. जहाज या नाव पर माल लादने की क्रिया। (लश०) ७. समुद्र में पानी का चड़ाव। ज्वार। (लश०) ८. नदी की बाढ़। (लश०) स्त्री० [देश०] १. एक प्रकार की घास जो पशुओं के चारे के काम में आती है। २. साँवाँ नामक कदन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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