| शब्द का अर्थ | 
					
				| भारा					 : | वि०=भारी। पुं० [हिं० भार] १. बोझ। २. भार या बँहगी जिस पर बोझ ढोते हैं। उदा०—लिअ फल मूल भेंटि भरि भारा।—तुलसी। पुं० भाला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| भाराक्रांत					 : | वि० [सं० भार-आक्रांत, तृ० त०] [भाव० भाराक्रांति] १. जिसके ऊपर किसी प्रकार का बड़ा भार हो। २. भार से पीड़ित तथा व्यथित। ३. (संपत्ति) जिस पर देन आदि का भार उसे रेहन रखकर डाला गया हो। (हाइपाथेकेटेड) | 
			
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				| भाराक्रांता					 : | स्त्री [सं० भार-क्रांत+टाप्] एक प्रकार का वार्णिक वृत्त का नाम जिसके प्रत्येक चरण में न भ न र स और एक लघु और एक गुरु होते हैं और चौथे, छठे तथा सातवें वर्ण पर यति होती है। | 
			
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				| भाराक्रांति					 : | स्त्री० [सं० भार-आक्रांति, तृ० त०] १. भाराक्रांत होने की अवस्था या भाव। २. रेहन रखकर संपति पर देन का भार रखना। (हाइपॉथेकेशन) | 
			
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