| शब्द का अर्थ | 
					
				| भृत्य					 : | पुं० [सं०√भृ+क्यप्, तुक्] [स्त्री० भृत्या] सेवक। नौकर। | 
			
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				| भृत्य-भर्ता (तृ)					 : | पुं० [ष० त०] गृह-स्वामी। | 
			
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				| भृत्यता					 : | स्त्री० [सं० भृत्य+तल्+टाप्] भृत्य होने की अवस्था, धर्म या भाव। | 
			
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				| भृत्या					 : | स्त्री० [सं० भृत्य+टाप्] १. दासी। २. तनख्वाह। वेतन। | 
			
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