शब्द का अर्थ
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भोना :
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अ० [हिं० भीनना] १. किसी तेल का किसी पदार्थ में पूरी तरह से व्याप्त या संचारित होना। भीनना। २. किसी काम या बात में लिप्त या लीन होना। ३. किसी पर अनुरक्त या आसक्त होना। उदा०—नारी चितवन नर रहै भीना।—सूर। संयो० क्रि०—आना।—पड़ना। ४. युक्त होना। मिलना। ५. धोखे में आना। स० १. भिगोना। २. लिप्त करना। ३. अनुरक्त करना। ४. मिलाना। ५. धोखे में डालना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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