शब्द का अर्थ
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मकु :
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अव्य० [सं०√मंक्+ड बा० ?] १. विकल्प-वाचक शब्द। चाहे। २. बल्कि। वरन्। ३. हो सकता है कि। कदाचित्। शायद। ४. यदि ऐसा हो जाता तो अच्छा होता। उदा०—मकु तेहि मारग होइ परौं, कंत धरै जहँ पाउँ।—जायसी। |
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समानार्थी शब्द-
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मकुआ :
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पुं० [हिं० मक्का] बाजरे के पत्तों का एक रोग।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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मकुट :
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पुं०=मुकुट।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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मकुंद :
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पुं०=मुकुंद।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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मकुना :
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पुं० [सं० मनाक=हाथी] [स्त्री० मकुनी] १. वह नर हाथी जिसके दाँत न हों अथवा छोटे छोटे दाँत हों। २. ऐसा वयस्क पुरुष जिसे मूँछें न निकली हों या बहुत कम निकली हों। (परिहास और व्यंग्य) वि० अपेक्षाकृत कम ऊँचाईवाला। |
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मकुनी :
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स्त्री० [देश०] १. आटे की लोई के अन्दर बेसन या चने की पीठी भर कर बनाई हुई कचौरी। बेसन की रोटी। २. चने का बेंसन और गेहूँ का आटा एक में मिलकर उसमें नमक, मेथी, मँगरैल आदि मिलाकर तथा भूमल पर सेंकर पकाई हुई बाटी। ३. मटर के आटे की रोटी। |
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मकुर :
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पुं० [सं०√मंक्+उरच्, पृषो० सिद्धि] १. कुम्हार का वह डंडा जिससे वह चाक चलाता है। २. बकुल। मौलसिरी। ३. दर्पण। मुकुर। शीशा। ४. फूल की कली। |
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मकुष्ठ :
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पुं० [सं० मकु√स्था+क] १. एक प्रकार का धान। २. मोठ नामक अन्न। बन मूँग। |
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मकुष्ठक :
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पुं० [सं० मकुष्ठ+कन्] मोठ नामक अन्न। |
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