शब्द का अर्थ
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					मधु					 :
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					पुं० [सं०√मन् (जानना)+नु, धु—आदेश] १. शहद। २. जल। पानी। ३. मदिरा। ४. फूलों का रस। मकरंद। ५. वसंत ऋतु। ६. चैत का महीना। ७. दूध। ८. मिसरी। ९. मक्खन। १॰. घी। ११. अशोक वृक्ष। १२. महुआ। १३. मुलेठी। १४. अमृत। १५. शिव का एक नाम। १६. एक प्रकार का छंद जिसके प्रत्येक चरण में दो लघु अक्षर होते हैं। १७. संगीत में एक राग जो भैरव राग का पुत्र माना जाता है। १८. एक दैत्य जिसे विष्णु ने मारा था और जिसके कारण उनका नाम ‘मधुसूदन’ पड़ा था। वि० १. मीठा। २. मधुर। ३. स्वादिष्ट। स्त्री० जीवंती का पेड़।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-ऋतु					 :
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					स्त्री० [सं० कर्म० स०] वसंत ऋतु।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-कंठ					 :
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					वि० [ब० स०] जिसके गले में मिठास हो। पुं० कोकिल। कोयल।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-कर					 :
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					पुं० [ष० त०] १. भौंरा। २. कामुक व्यक्ति। ३. भँगरा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-कर्कटिका					 :
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					स्त्री० [उपमि० स०] १. बिजौरा नींबू। २.				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-कर्कटी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [उपमि० स०] १. बिजौरा नीबू २ खजूर का फल।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-कुल्या					 :
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					स्त्री० [ष० त०] कुश द्वीप की एक नदी। पुराण।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-कृत					 :
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					पुं० [सं० मधु√कृ+क्विप्, तुक्] १. भौंरा। २. मधुमक्खी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-कैटभ					 :
				 | 
				
					पुं० [द्वं० स०] मधु और कैटभ नामक दो दैत्य जो विष्णु के कान की मैल से उत्पन्न हुए माने गये हैं। (पुराण)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-कोष					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] शहद की मक्खी का छत्ता। मधु-चक्र।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-क्षीर					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] खजूर का पेड़।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-गंध					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] १. अर्जुन (वृक्ष)। २. मौलसिरी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-गायन					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] कोयल।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-गुंजन					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] सहिंजन का वृक्ष।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-घोष					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] कोकिल। कोयल।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-चक्र					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] शहद की मक्खियों का छत्ता।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-चंद्र					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधु-चन्द्र] नव-विवाहित वर और वधू का वह समय जो वे सब काम-धन्दों से छुट्टी लेकर और किसी रमणीक स्थान में प्रायः घर के लोगों से अलग रहकर आनन्द-भोग में बिताते हैं (हनीमून)। विशेष—यह शब्द अँग्रेजी के ‘हनीमून’ का तदर्थीय है, जिसका मूल अर्थ था—विवाह के बाद का पहला महीना, परन्तु जो आजकल इसी अर्थ में प्रयुक्त होता है और जो ऊपर ‘मधु-चंद्र’ का बतलाया गया है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-जीवन					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] बहेड़ा (वृक्ष)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-त्रय					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] शहद, घी और चीनी का समाहार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मधु-दीप					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधु√दीप् (चमकना)+क] कामदेव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-दूत					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] आम का पेड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-दूती					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] पाटला।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-द्रव					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] लाल सहिंजन का वृक्ष।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-द्रुम					 :
				 | 
				
					पुं० [मध्य० स०] १. महुए का पेड़। २. आम का पेड़।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-धूलि					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ष० त०] खाँड़। शक्कर।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-धेनु					 :
				 | 
				
					स्त्री० [मध्य० स०] दान के लिए कल्पित शहद की गाय।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-पटल					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] शहद की मक्खियों का छत्ता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-पति					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] श्रीकृष्ण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-पर्क					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] १. दही, घी, जल, शहद और चीनी का समाहार जिसका भोग देवता को लगाया जाता है। २. तंत्र के अनुसार घी, दही और मधु का समूह जिसका उपयोग तांत्रिक पूजन में होता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-पर्क्य					 :
				 | 
				
					वि० [सं० मधुपर्क+य] जिसके सामने मधुपर्क रखा जा सके। मधुपर्क का अधिकारी या पात्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-पर्णी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ब० स०,+ङीष्] १. गुरुच। २. गंभारी नाम का पेड़। ३. नीली नाम का पौधा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-पीलु					 :
				 | 
				
					पुं० [कर्म० स०] अखरोट (वृक्ष)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-पुर					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] मथुरा (नगरी)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-पुष्प					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] १. महुआ। २. अशोकवृक्ष। ३. सिरिस नामक वृक्ष। ४. मौलसिरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-पुष्पा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुपुष्प+टाप्] १. नागदंती। २. धौ का पेड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-प्रमेह					 :
				 | 
				
					पुं०=मधु-मेह।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-प्रिय					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] १. बलराम। २. भुँइ जामुन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-फल					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] मीठा नारियल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-बहुल					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] १. वासंती लता। २. सफेद जूही।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-बीज					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] अनार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-मक्खी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुमक्षिका] मक्खी की तरह का एक छोटा पतिंगा जो फूलों पर मँडराता और उनका रस चूसता है। यह समूहो में तथा छत्ता बनाकर रहता है और उसमें शहद एकत्र करता है। यह प्राणियों को डंक भी मारता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-मक्षिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [मध्य० स०] मधुमक्खी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-मज्जन					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] अखरोट (वृक्ष)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-मल्ली					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मध्य० स०] मालती।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-मस्तक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० स०] प्राचीन काल का एक तरह का मैदे का पकवान जो मधु में डुबोकर खाया जाता था।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-माधव					 :
				 | 
				
					पुं० [द्व० स०] १. मालश्री, कल्याण और मल्लार के मेल से बना हुआ एक शंकर राग। २. बसंत के दो मास—चैत्र और बैसाख।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-माधवी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [मध्य० स०] १. संगीत में, एक रागिनी जो भैरव राग की सहचरी मानी जाती है। २. वासंती लता। ३. एक प्रकार की पुरानी शराब।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-माध्वीक					 :
				 | 
				
					पुं० [मध्य० स०] शराब।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-मारक					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] भौंरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-यष्टि					 :
				 | 
				
					स्त्री० [कर्म० स०] १. जेठी मधु। मुलेठी। २. ईख। ऊख।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-यष्टिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुयष्टि+ङीष्] मुलेठी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-यष्टी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुयष्टि+ङीष्] मुलेठी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-रस					 :
				 | 
				
					पुं० [ब,० स०] ईख।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-रसिक					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] भौंरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-रिपु					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] मधुराक्षस के शत्रु, विष्णु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-रीछ					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० मधु-रीछ] दक्षिणी अमेरिका का रीछ की तरह का एक जंगली जंतु जो ऊँचाई में कुत्ते के बराबर होता है। यह प्रायः वृक्षों पर चढ़कर मधुमक्खियों के छत्ते का रस चूसता है, इसी से इसका यह नाम पड़ा है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-लोलुप					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० स० त०] भौंरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-वन					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०, ङीष्] १. मथुरा के पास युमना के किनारे का एक वन जहाँ सत्रुघ्न ने लवण नामक दैत्य को मारकर मधुपुरी स्थापित की थी। २. ब्रज में यमुना तट पर स्थित एक वन। २. किष्किन्धा में स्थित एक वन। ४. वह वन जहाँ प्रेमी और प्रेमिका मिलते हों। ५. कोयल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-वल्ली					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मध्य० स०] १. मुलेठी। २. करेला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-वार					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] १. मद्य या शराब पीने का दिन। २. बार-बार शराब पीने का क्रम। शराब का दौर। ३. मद्य। शराब।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-वाही (हिन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधु√वह (ढोना)+णिनि, उप, स०] महाभारत के अनुसार एक प्राचीन नद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-व्रत					 :
				 | 
				
					पुं०[ब० स०] भौंरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-शर्करा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [मध्य० स०] १. शहद से बनाई हुई शक्कर। २. सेम। लोबिया।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-शाक					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] महुए का वृक्ष।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-शिग्नु					 :
				 | 
				
					पुं० [मध्य० स०] सोभांजन। सहिजन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-शिष्ट					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] मोम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-शेष					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] मोम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-श्रावणी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] १. मिथिला का एक पर्व जो सावन शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है। इसमें नव विवाहिता वधू को जलती बत्ती से दागते हैं। यदि फफोले अच्छे पड़ें तो समझा जाता है कि इसका सुहाग बहुत दिनों तक बना रहेगा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-सख					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] कामदेव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-संभव					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] १. मोम। २. दाख।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-सहाय					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] कामदेव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-सारथि					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] कामदेव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-सिक्थक					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०+कप्] १. एक प्रकार का विष। २. मोम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-सुहृद					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] कामदेव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-स्थान					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] मधुमक्खियों का छत्ता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-स्रव					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] १. महुए का वृक्ष। २. पिंडखजूर का पेड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-स्रवा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुस्रव+टाप्] १. संजीवनी बूंटी। २. मुलेठी। ३. मूर्वा लता। ४. हंसपदी लता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-स्राव					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] महुए का वृक्ष।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-स्वर					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] कोयल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधु-हंता (तृ)					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] मधुसूदन (दे०)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुआ					 :
				 | 
				
					पुं० [?] आम के बौर में होनेवाला एक प्रकार का रोग।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधु+कन् वा मधु√कै+क] १. महुए का पेड़। २. महुए का फल। ३. मुलेठी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुकरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुकर+ङीष्] १. मधुकर की मादा। भौरी। २. साधु-संन्यासियों की वह भिक्षा जो केवल पके हुए अन्न (चावल-दाल, रोटी आदि) के रूप में होती है। क्रि० प्र०—माँगना। ३. संगीत में, कर्नाटकी पद्धति की एक रागिनी। ४. आटे के पेड़ की पकाई हुई रोटी। बाटी। भौंरिया। लिट्टी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुकरी (रिन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√कृ+णिनि, उप० स०] मधुमक्खी। पुं० [हि० मधुकरी] वह संन्यासी जो मधुकरी माँगता या ग्रहण करता हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधु+कन्+टाप्] १. मुलेठी। २. मधुर। शहद। ३. कृष्णपणीं लता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुकार					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधु√कृ (करना)+अण्] १. मधुमक्खी। २. मधुपर्णी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुच्छिष्ट					 :
				 | 
				
					पुं० [मधु-उच्छिष्ट, ष० त०] मोम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुज					 :
				 | 
				
					वि० [सं० मधु√जन् (उत्पत्ति)+ड] मधु से उत्पन्न। पुं० मोम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुजा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुज+टाप्] १. मिश्री। २. पृथ्वी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुजित्					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधु√जि (जीतना)+क्विप्, तुक्] विष्णु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुत्व					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधु+त्व] मधु का भाव। शहद की मिठास।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुद्र					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधु√द्रा (जाना)+क] भौंरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुप					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधु√पा (पीना)+क] १. भौंरा। २. शहद की मक्खी ३. उद्धव का एक नाम। वि० मधु पीनेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुफलिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुफल+कन्+टाप्, इत्व] मीठी खजूर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुबन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधुवन] १. ब्रजभूमि का एक बन। २. सुग्रीव के उपवन का नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुभाजन					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] मध्य या शराब पीने का प्याला। चषक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुभार					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] एक प्रकार का मात्रिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में आठ मात्राएँ होती हैं और अंत में जगण होता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुमती					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधु+मतुप्+ङीष्] १. योग साधन में, समाधि की वह अवस्था जो रज और तम के नष्ट होने तथा सत् का पूर्ण प्रकाश होने पर प्राप्त होती है। २. एक प्रकार का वर्ण-वृत्त जिसका प्रत्येक चरण दो नगण और एक गुरु होता है। ३. मधु दैत्य की कन्या और इक्ष्वाकु के पुत्र हर्यश्व की पत्नी का नाम। ४. तांत्रिकों के अनुसार एक प्रकार की नायिका जिसका उपासना और सिद्धि से मनुष्य जहाँ चाहे आ-जा सकता है। ५. एक प्राचीन नदी जो नर्मदा की शाखा थी। ६. गंगा नदी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुमथन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधु√मथ्+ल्यु—अन] मधु नामक दैत्य को मारनेवाले, विष्णु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुमाखी					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मधु-मक्खी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुमात					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] संगीत में एक राग जो भैरव राग का सहचर माना जाता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुमात सारंग					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] संगीत में मधुमात और सारंग के योग से बना हुआ एक संकर राग जिसके गाने का समय दिन में १७ दंड से २0 दंड तक माना जाता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुमाधव सारंग					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मध्यम० स०] १. मधुमाधव और सारंग के योग से बना हुआ ओड़व जाति का एक संकर राज जिसमें धैवत और गांधार वर्जित है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुमान (मत्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० मधुमत्] [स्त्री० मधुमती] १. जिसमें मधु या शहद वर्तमान हो अथवा मिलाया हुआ हो। २. मधुर। मीठा। ३. मन को प्रसन्न, संतुष्ट या सुखी करनेवाला। प्रिय और सुखद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुमालती					 :
				 | 
				
					स्त्री० [मध्य० स०] मालती (लता)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुमासी					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मधुमक्खी। उदा०—कुल कुटुंबी आन बैठे मनहु मधुमासी।—मीराँ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुमूल					 :
				 | 
				
					पुं० [कर्म० स०] रतालु नामक कंद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुमेह					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] एक प्रसिद्ध राग जो अगन्याशय में मधुसूदनी (देखें) के कम बनने के कारण होता है और जिसमें मूत्र अधिक शर्करा युक्त होकर प्रायः धीरे-धीरे और अधिक मात्रा में या अधिक देर तक होता है (डायबटीज)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुमेही (हिन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधुमेह+इनि] वह जिसे मधुमेह रोग हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुर					 :
				 | 
				
					वि० [सं० मधु√रा (देना)+क] [स्त्री० मधुरा] १. जिसका स्वाद मधु के समान हो। मीठा। २. जो सब प्रकार की कटुताओं से रहित, और मधु के समान मीठा जान पड़े। जैसे—मधुर वचन। ३. जो कठोरता, कर्कशता आदि से रहित होने के कारण बहुत भला जान पड़ता हो। जैसे—वीणा का मधुर स्वर। उदा०—मधुर मधुर गरजत घन घोरा।—तुलसी। ४. जो अपनी मनोहरता, सुन्दरता आदि के कारण प्रिय और भला लगता हो। जैसे—मधुर मूर्ति। ५. जो गति या चाल के विचार से धीमा या मन्द हो। जैसे—मधुर-गति। ६. धीर और शांत। ७. जो काम करने में बहुत मट्ठर या सुस्त हो। जैसे—मधुर पशु। पुं० १. किसी मीठी चीज का या किसी प्रकार का मीठा रस। २. लाल रंग की ईख। लाल ऊख। ३. गुड़। ४. बादाम। ५. जीवक। वृक्ष। ६. जंगली बेर। ७. महुआ। ८. मटर। ९. धान। १॰. काकोली। ११. लोहा। १२. जहर। विष।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुर ज्वर					 :
				 | 
				
					पुं० [कर्म० स०] मंद-ज्वर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुर-कंटक					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] एक प्रकार की मछली जिसे कजली कहते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुर-कर्कटी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [कर्म० स०] मीठा नीबू।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुर-जंबीर					 :
				 | 
				
					पुं० [कर्म० स०] मीठी जंबीरी नींबू।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुर-त्रय					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] शहद, घी और चीनी, तीनों का समाहार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुर-त्रिफला					 :
				 | 
				
					स्त्री० [कर्म० स०] दाख (या किशमिश), गंभारी और खजूर इन तीनों का समाहार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुर-त्वच्					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] धौ का पेड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुर-फला					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुरफल+टाप्] मीठा नींबू।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुर-श्रवा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ब० स०, टाप्] पिंडखजूर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुर-स्वर					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] गंधर्व।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरई					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मधुरता (माधुर्य)। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधुर+कन्] जीवक वृक्ष।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुर+तल्+टाप्] मधुर होने की अवस्था, गुण या भाव। माधुर्य।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरत्व					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधुर+त्व] मधुरता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरसा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुरस+टाप्] १. मूर्वालता। २. दाख। ३. गंभारी। ४. दूधिया घास। ५. शतपुष्पी। ६. गंधप्रसारिणी लता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुर+टाप्] १. मथुरा नगरी। २. मदरास प्रांत का एक प्राचीन नगर जो अब मदुरा कहलाता है। २. मीस्र नींबू। ३. मुलेठी। ४. मीठी खजूर। ५. शतावर। ६. महामेदा। ७. मेदा। ८. शतपुष्पी। ९. पालक का साग। १॰. सेम। ११. काकोली। १२. केले का पेड़। १३. सौंफ। १४. मसूर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरा					 :
				 | 
				
					वि० [सं० मधुर] [स्त्री० मधुरी] मधुर। उदा०—लंबा टीका मधुरी बानी। दगाबाज की यही निशानी (कहा०)। स्त्री० साहित्य में वह शब्द-योजना जिससे रचना में माधुर्य या मिठास आती है। स्त्री० १.=मदुरा। २. मथुरा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुराई					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मधुरता।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुराकर					 :
				 | 
				
					पुं० [मधुर-आकर, ष० त०] ईख। ऊख।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुराज					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] भौंरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुराना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० मधुर+हिं० आना (प्रत्य०)] १. मधुर होना। २. फलों तथा खाद्य वस्तुओं के संबंध में, मिठास से युक्त होना मीठा होना। स० मधुर बनाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरान्न					 :
				 | 
				
					पुं० [मधुर-अन्न, कर्म० स०] १. मीठा अन्न। २. मिठाई मिष्ठान्न।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुराम्लक					 :
				 | 
				
					पुं० [मधुर-अम्लक, कर्म० स०] अमड़ा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरालापा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [मधुर-आलाप, ब० स०+टाप्] मैना पक्षी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुर+कन्+टाप्, इत्व] सौंफ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरित					 :
				 | 
				
					भू० क० [सं० मधुर+इतच्] १. मिठास से युक्त किया हुआ २. मधुर रूप में लाया हुआ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरिन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधुर से] ग्लिसरीन (तरल पदार्थ)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरिमा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुर+इमनिच्] मधुर होने की अवस्था या भाव। मधुरता। वि०=मधुर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुर] मुँह से फूँककर बजाया जानेवाला एक तरह का पुराना बाजा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)स्त्री० [सं० माधुरी] १. मधुरता। २. शराब।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुरोदक					 :
				 | 
				
					पुं० [मधुर-उदक, कर्म० स०] १. मधु मिश्रित जल। २. (ब० स०] पुराणानुसार सात समुद्रों में से अंतिम समुद्र जो मीठे जल का और पुष्कर द्वीप के निकट चारों ओर स्थित कहा गया है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधु√ला (लेना)+क] मदिरा। वि०=मधर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुलिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुल+कन्+टाप्, इत्व] १. प्राचीन काल में मधुली नामक गेहूँ के पास से तैयार की जानेवाली मदिरा। २. राई। ३. फूलों का पराग। ४. कार्तिकेय की एक मातृका।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुली					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधुलिका] भाव प्रकाश के अनुसार एक प्रकार का गेहूँ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुवटी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स० ङीष् ?] एक प्राचीन स्थान (महा०)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुवंती					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधुवती] संगीत में टोढ़ी ठाट की एक रागिनी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुष्ठील					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधु√ष्ठीव् (फेंकना)+क, पृषो० लत्व] महुए का वृक्ष।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुसूदन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मधु√सूद्+णिच्+ल्यु—अन] १. मधु नामक दैत्य को मारनेवाले, विष्णु। २. भौंरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मधुसूदनी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मधूसूदन+ङीष्] १. पालक का साग। २. आज-कल शरीर के अन्दर अग्नाशय में बननेवाला वह तत्त्व जिसके अभाव या कमी के कारण शरीर में शर्करा का ठीक समवर्त्तन नहीं होने पाता, रक्त विषाक्त होने लगता है और मूत्र सम्बन्धी अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न होने लगते हैं। २. उक्त तत्त्व से बनाई जानेवाली एक प्रसिद्ध दवा (इन्स्युलिन)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |