मध्यमा/madhyama

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मध्यमा  : स्त्री० [सं० मध्यम+टाप्] १. हाथ की बीचवाली उँगली। २. साहित्य में वह नायिका जो अपने प्रिय के द्वारा हित अथवा अहित का व्यवहार देखकर उसके प्रति वैसा ही हित अथवा अहित का व्यवहार करती हो। ३. २४. हाथ लंबी, १२ हाथ चौड़ी और ८ हाथ ऊँची नाव (युक्तिकल्पतरु)। ४. रजस्वला स्त्री। ५. कनियारी। ६. छोटा जामुन। ७. काकोली।
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मध्यमागम  : पुं० [सं० मध्यम-आगम, कर्म० स०] बौद्धों के चार प्रकार के आगमों में से एक।
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मध्यमान  : पुं० [सं०] [वि० मध्य-मानिक] १. लेखे या हिसाब में बराबर का। औसत। पड़ता। मध्यक। २. परस्पर विपरीत दिशाओं में स्थित दो बिंदुओं या संख्याओं के ठीक बीचोबीच में स्थित बिन्दु या संख्या। (मीन) जैसे—यदि कहीं का तापमान घटकर ९५ अंश तक और बढ़कर १0५ अंश तक पहुँच जाता हो तो वहाँ के ताप-मान का मध्यमान १00 अंश होगा। वि० १. दे० ‘मध्यक’। २. दे० ‘मध्या’। ३. संगीत में, एक प्रकार का ताल जिसमें ८ ह्रस्व अथवा ४ दीर्घ मात्राएँ होती हैं और ३ आघात और १ खाली होता है।
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मध्यमाहरण  : पुं० [सं०] बीज गणित की वह क्रिया जिसके अनुसार कोई आयत्त-मान माना जाता है।
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