शब्द का अर्थ
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मनी :
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स्त्री० [सं० मणि] १. मणि। २. वीर्य। ३. अहं०। उदा०—तजे सचुच के भानु भानु तजि मान मनी के।—सेनापति। स्त्री० [हिं० मन=४0 सेर] खेत की उपज की बटाई का वह प्रकार जिसमें जमीन का मालिक प्रति बीघे कुछ मन पैदावार में से ले लेता है। |
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समानार्थी शब्द-
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मनीआर्डर :
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पुं० [अं०] १. डाकखाने के द्वारा कहीं कुछ रुपये भेजने की एक प्रकार की व्यवस्था जिसमें पानेवाले को घर बैठे रुपए मिल जाते हैं। २. वह पत्रक जिसे भरकर उक्त उद्देश्य से डाकखाने में दिया जाता है। |
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मनीक :
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पुं० [सं०√मन्+कीकन्] अंजन (आँखों का)। |
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मनीजर :
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पुं०=मनेजर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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मनीबैग :
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पुं० [अं०] रुपए-पैसे रखने का छोटा डिब्बा, थैली या बटुआ। |
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मनीर :
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स्त्री० [देश०] मोरनी। |
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मनीषा :
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स्त्री० [सं० मनस्-ईषा, ष० त०, पररूप] १. मन या मस्तिष्क की वह विशिष्ट शक्ति जिससे वह इच्छा, कामना, सोच-विचार आदि करता है। मानसिक शक्ति (फैकल्टी)। २. फलतः (क) अभिलाषा या इच्छा। (ख) अकल या बुद्धि। |
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मनीषिका :
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स्त्री० [सं० मनीषा+कन्+टाप्, इत्व] मनीषा। |
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मनीषिता :
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स्त्री० [सं० मनीषिन्+तल+टाप्] १ मनीषी होने की अवस्था या भाव। २. बुद्धिमत्ता। |
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मनीषी (षिन्) :
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वि० [सं० मनीषा+इनि] १. ज्ञानी। २. बुद्धिमान्। ३. पंडित। विद्वान्। ४. यथेष्ट मनन और विचार करनेवाला। विचारशील। |
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