शब्द का अर्थ
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					महक					 :
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					स्त्री० [सं० महक्क] १. दूर तक फैलनेवाली सुगंध। जैसे—कमरा इत्र से या उद्यान फूलों से महक रहा था। २. (प्रिय या अप्रिय) गंध या वास। जैसे—जलते हुए कपड़े की महक।				 | 
			
			
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					महकदार					 :
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					वि० [हिं० महक+फा० दार (प्रत्यय)] जिसमें महक या सुगंध हो।				 | 
			
			
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					महकना					 :
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					पुं० [हिं० महक+ना (प्रत्यय)] महक या गंध देना।				 | 
			
			
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					महकमा					 :
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					पुं० [अ० महकमः] १. कचहरी। न्यायालय। २. शासनिक दृष्टि से उसका कोई विशिष्ट विभाग।				 | 
			
			
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					महकान					 :
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					स्त्री०=महक।				 | 
			
			
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					महकाना					 :
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					स० [हिं० महक] १. महक या सुगंध से युक्त करना। २. महक या सुगंध चारों ओर फैलाना।				 | 
			
			
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					महकाली					 :
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					स्त्री० [सं० महाकाली] पार्वती (डिं)।				 | 
			
			
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					महकीला					 :
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					वि० [हिं० महक+ईला (प्रत्यय)] जो महक रहा हो। जिसमें से महक निकलती हो।				 | 
			
			
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					महकूम					 :
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					वि० [अ० महकूम] १. जिसे हुकुम दिया गया हो। २. शासित। पुं० प्रजा। रिआया। पुं० [?] सूर्य। (डिं०) (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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