शब्द का अर्थ
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माल्य :
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पुं० [सं० माला+ष्यञ्] १. फूल। २. माला। ३. सिर पर लपेटी जानेवाली माला। |
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माल्य-पुष्प :
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पुं० [सं० ब० स०] सन का पौधा। |
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माल्यक :
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पुं० [सं० माल्य+ कन] १. दमनक। दौना। २. माला। |
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माल्यवंत :
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पुं० =माल्यवान्। |
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माल्यवती :
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स्त्री० [सं० माल्यवत्+ङीप्] पुराणानुसार एक प्राचीन नदी। वि० (हि०) माल्यवत् का स्त्री०। |
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माल्यवत् :
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वि० [सं० माल्य+मतुप्, वत्व] [स्त्री० माल्यवती] जो माला पहने हो। पुं० =माल्यवान्। |
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माल्यवान् (वत्) :
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पुं० [सं० दे० माल्यवत] १. पराणानुसार एक पर्वत जो केतुमाल और इलावृत वर्ष के बीच का सीमा-पर्वत कहा गया है। २. सुकेश का पुत्र एक राक्षस जो गंधर्व की कन्या देववती से उत्पन्न हुआ था। वि० [सं० माल्यवत्] [स्त्री० माल्यवती] जो माला पहने हो। |
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