शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					मेला					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मेलक] १. उत्सव, देव-दर्शन आदि के अवसरों पर बहुत से लोगों का किसी स्थान पर एक साथ होनेवाला जमाव। २. वस्तुओं, विशेषतः चौपायों के क्रय-विक्रय के निमित्त किसी विशिष्ट स्थान पर तथा किसी विशिष्ट ऋतु में होनेवाला व्यापारियों का जमावड़ा। जैसे—ददरी या हरिद्वार का मेला। पद—मेला-ठेला। ३. किसी तीर्थ-स्थान या पर्व पर होनेवाला लोगों का जमाव। जैसे—माघ मेला। ४. किसी स्थान पर किसी चीज को देखने अथवा किसी बात को सुनने के लिए लगनेवाली लोगों की भीड़। जैसे—बात की बात में वहाँ मेला लग गया। क्रि० प्र०—लगना। ५. दे० प्रदर्शिनी। जैसे—औद्योगिक मेला। स्त्री० [सं०√मिल्+णिच्+अङ्+टाप्] १. बहुत से लोगों का जमावड़ा। २. मिलन। ३. रोशनाई। स्याही। ४. आँखों में लगाने का अंजन। ५. महानीली				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मेला-ठेला					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० मेलना+हिं० ठेलना] मेला अथवा कोई ऐसा सार्वजनिक स्थान जहाँ भीड़-भाड़ और धक्कम-धक्का हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मेलान					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० मिलना] पड़ाव। मंजिल। उदाहरण—ओहिं मेलान जब पहुँचिहिं कोई।—जायसी। पुं०=मिलान।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मेलाना					 :
				 | 
				
					स० [हिं० मेल] १. मेलना या प्रेरणार्थक रूप। मेलने का काम दूसरे से कराना। २. रेहन रखी हुई वस्तु को छुड़ाना। स०=मिलान।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मेलापक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० मेलक] १. मिलानेवाला। २. इकट्ठा करनेवाला। पुं० १. भीड़-भाड़। जमावड़ा। २. ग्रहों का योग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मेलायन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मिलन] १. मिलन। २. संयोग। समागम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |