शब्द का अर्थ
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लदन :
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स्त्री० [हिं० लदना] लदने की क्रिया या भाव। लदान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
लदना :
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अ० [हिं० लादना का अ०] [भाव० लदान] १. लादा या भार से युक्त किया जाना। बोझ से युक्त होना। २. भारी चीजों का यान या सवारी पर रखा जाना। जैसे—गाड़ी, नाव या बैल पर सामान लादना। ३. किसी चीज या कई तरह की चीजों के भार से युक्त होना। जैसे—ऋण से लदना, गहनों से लदना, बैलगाड़ी का लदना, फलों से लदना। ४. किसी भारी या वजनी चीज का दूसरी चीज के ऊपर होना या रखा जाना। किसी वस्तु के ऊपर बोझ के रूप में पड़ना या रखा जाना। जैसे—उसकी पीठ पर दो बच्चे भी लदे हुए थे। ५. सजा पाकर कैद भोगने के लिए जेल-खाने जाना। जैसे—दोनों चोर साल-साल भर के लिए लद गए। ६. गत या मृत होना। पर-लोक सिधारना। (उपेक्षा सूचक और बाजारू) जैसे—चलो आज वह भी लद गये। संयो० क्रि०—जाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
लदनी :
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स्त्री० =लदान। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |