शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					वरंड					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√वृ (आच्छादन)+अण्डन्] १. बंसी की डोर। २. समूह। ३. मुहाँसा। ४. घास का गट्ठर। ४. फीलखाने की वह दीवार जो दो लड़ाके हाथियों को लड़ने से रोकने के लिए उनके बीच में दीवार खड़ी की जाती है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वरंडक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० वरंड+कन्] १. मिट्टी का भीटा। ढूह। २. हाथी का हौदा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वरंडा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० वरंड+टाप्०] १. कटारी। कत्ती। २. बत्ती। पुं० दे० ‘बरामदा’(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |