शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					वली					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० वलि+ङीष्] १. झुर्री। शिकन। २. अवली। पंक्ति। श्रेणी। ३. रेखा। लकीर। ४. चंदन आदि के बनाए हुए चिन्ह या रेखाएँ। ५. पेट पर पड़नेवाली रेखा। जैसे–त्रिवली। पुं० [अ०] १. वह धर्मात्मा और महात्मा जो ईश्वर की दृष्टि में प्रिय और मान्य हो। २. वह व्यक्ति जो किसी नाबालिग या स्त्री की संपत्ति का कर्ता-धर्ता तथा रक्षक हो। अभिवाहक। ३. स्वामी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वली-अल्लाह					 :
				 | 
				
					पुं० [अ०] एक प्रकार के सिद्ध मुसलमान फकीर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वली-अहद					 :
				 | 
				
					पुं० [अ०] युवराज।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वलीक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√वल्+कीकन्] १. ओलती। २. सरकंडा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वलीमुख					 :
				 | 
				
					पुं०=वलिमुख (बंदर)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |