शब्द का अर्थ
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					विद्यु					 :
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					स्त्री०=विद्युत (बिजली)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					विद्युच्चालक					 :
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					वि० [सं० ष० त०] (पदार्थ) जिसके एक सिरे से स्पर्श होते ही विद्युत दूसरे सिरे तक चली जाय। जैसे—धातुएँ, द्रव-पदार्थ आदि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					विद्युत-विश्लेषण					 :
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					पुं० [सं०] वह वैज्ञानिक प्रक्रिया जिससे विद्युत के द्वारा खनिज पदार्थों में से धातुएँ निकालकर अलग की जाती हैं। (इलेक्ट्रोलिसिस)।				 | 
			
			
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					विद्युतगौरी					 :
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					स्त्री० [सं० उपमि० स० ब० स०] शक्ति की एक मूर्ति।				 | 
			
			
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					विद्युतिक					 :
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					वि०=वैद्युत् (बिजली संबंधी)।				 | 
			
			
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					विद्युत्					 :
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					स्त्री० [सं० वि√द्युत् (प्रकाश करना)+विप्] १. बिजली। २. सन्ध्या का समय। ३. पुरानी चाल की एक प्रकार की वीणा। ४. एक प्रकार की उल्का। वि० १. बहुत अधिक चमकीला। २. चमक या दीप्ति से रहित।				 | 
			
			
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					विद्युत्ता					 :
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					स्त्री० [सं० विद्युत+टाप्] विद्युत। बिजली।				 | 
			
			
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					विद्युत्पात					 :
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					पुं० [सं०] आकाश से बिजली गिरना। वज्रपात।				 | 
			
			
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					विद्युत्पादक					 :
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					पुं० [सं०] प्रलय काल के सात मेघों में से एक मेघ।				 | 
			
			
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					विद्युत्प्रभा					 :
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					स्त्री० [सं० विद्युत-प्रभ+टाप्] १. दैत्यों के राजा बलि की पोती का नाम। २. अप्सराओं का एक गण या वर्ग।				 | 
			
			
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					विद्युत्मापक					 :
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					पुं० [सं० विद्युत+मापक, ष० त०] एक प्रकार का यंत्र जो विद्युत की गति या वेग अथवा उसके व्यय की मात्रा नापता है (इलेक्ट्रामीटर)।				 | 
			
			
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					विद्युत्माला					 :
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					स्त्री० [सं०] १. आकाश में दिखाई पड़नेवाली बिजली की रेखा। २. चार चरणों का एक वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में दो भगण और दो गुरु होते हैं।				 | 
			
			
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					विद्युत्मुख					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] एक प्रकार के उपग्रह।				 | 
			
			
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					विद्युत्य					 :
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					वि० [सं० विद्युत+यत्] विद्युत या बिजली से संबंध रखनेवाला। विद्युतिक।				 | 
			
			
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					विद्युद्दाम (न्)					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] बिजली की रेखा।				 | 
			
			
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					विद्युन्माला					 :
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					स्त्री० [सं०]=विद्युत्माला।				 | 
			
			
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					विद्युल्लता					 :
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					स्त्री० [सं० कर्म० स०] लता के रूप में आकाश में चमकने वाली बिजली।				 | 
			
			
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					विद्युल्लेखा					 :
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					स्त्री० [सं० ब० स०] १. एक प्रकार का वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में दो मगण होते हैं। इसे शेषराज भी कहते हैं। २. विद्युत। बिजली।				 | 
			
			
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