शब्द का अर्थ
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					विप्रक					 :
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					पुं० [सं० विप्र+कन्] नीच ब्राह्मण।				 | 
			
			
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					विप्रकर्षण					 :
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					पुं० [सं० वि+प्र√कृष् (आकर्षण करना)+ल्युट-अन] [वि० विप्रकृष्ट] १. दूर खींचकर ले जाना। दूर हटाना। २. काम पूरा करना।				 | 
			
			
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					विप्रकार					 :
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					पुं० [सं० वि+प्र√कृ (करना)+घञ्] [वि० विप्रकृत] तिरस्कार। अनादर। २. अपकार।				 | 
			
			
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					विप्रकीर्ण					 :
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					वि० [सं० वि+प्र√कृ (फेंकना)+क्त] १. बिखरा या छितराया हुआ। इधर-उधर गिरा पड़ा। २. अस्त व्यस्त। अव्यवस्थित।				 | 
			
			
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					विप्रकृष्ट					 :
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					भू० कृ० [सं० वि+प्र√कृष् (खींचना)+क्त] १. खींचकर दूर किया हुआ। २. दूर का। दूरस्थ।				 | 
			
			
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