शब्द का अर्थ
|
विरक्त :
|
वि० [सं०] [भाव० विरक्ति, विरक्तता] १. गहरा लाल। रक्त वर्ण। खूनी। २. जिसके रंग में कुछ परिवर्तन आ चुका हो। ३. जिसकी किसी पर आसक्ति न रह गई हो। अनुरक्त का विपर्याय। ४. सांसारिक प्रपंचों, बंधनों आदि से परे रहनेवाला। ५. भोग विलास आदि से बहुत दूर रहनेवाला। ६. खिन्न। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विरक्तता :
|
स्त्री० [सं० विरक्त+तल्+टाप्]=विरक्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विरक्ति :
|
स्त्री० [सं० वि√रञ्ज् (राग करना)+क्तिन्] १. विरक्त होने की अवस्था या भाव। २. मन में अनुराग या चाह रहने की अवस्था या भाव। ३. सांसारिक बात की ओर से मन हटाना। वैराग्य। ४. भोग-विलास आदि के प्रति होनेवाली अरुचि या उदासीनता। ५. अप्रसन्नता। खिन्नता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |