शब्द का अर्थ
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विराज :
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वि० [सं० वि√राज् (शोभित होना)+अच्] १. चमकीला। २. राज्य-रहित। पुं० १. राजा। २. क्षत्रिय। ३. ब्रह्माण्ड। ४. एक प्रकार का मन्दिर। ५. एक प्रकार का एकाह यज्ञ। ६. एक प्रजापति का नाम। |
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समानार्थी शब्द-
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विराजन :
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पुं० [सं० वि√राज्+ल्युट-अन] १. शोभित होना। २. उपस्थित वर्तमान या विद्यमान होना। |
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विराजना :
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अ० [सं० विराजन] १. शोभित होना। प्रकाशित होना। २. उपस्थित या विद्यमान होना। ३. बैठना। (बड़ों के लिए आदरसूचक) जैसे—आइए, विराजिए। |
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विराजमान :
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वि० [सं० वि√राज्+शानच्, मुक्] १. प्रकाशमान्। चमकता हुआ। चमक-दमक वाला। २. उपस्थित। विद्यमान (बड़ों के लिए आदरार्थक, विशेषतः बैठे रहने की दशा में)। |
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विराजित :
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भू० कृ० [सं० वि√राज्+क्त] १. सुशोभित। २. प्रकाशित। ३. विराजमान। |
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