शब्द का अर्थ
|
विरोह :
|
पुं० [सं० वि√रुह् (अंकुर निकलना)+घञ्] १. अंकुरित होना। २, उत्पत्ति या उद्भव होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विरोहण :
|
पुं० [सं० वि√रुह् (अंकुरित होना)+ल्युट-अन] [भू० कृ० विरोहित, वि० विरोहणीय,] एक स्थान से उखाड़कर दूसरे स्थान पर लगाना। रोपना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विरोही :
|
वि० [सं० वि√रुह् (उगना)+णिनि=विरोहिन्] [स्त्री० विरोहिणी] (पौधा) रोपनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |