शब्द का अर्थ
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विशुद्ध-चक्र :
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पुं० [सं०] हठयोग के अनुसार शरीर के अन्दर के छः चक्रों में से एक जो ध्रूम वर्ण का तथा सोलह दलोंवाला है तथा गले के पास माना जाता है। विशेष—आधुनिक वैज्ञानिकों के अनुसार इसी चक्र की ग्रंथियों की प्रक्रिया से शरीर के अन्दर के विष बाहर निकलते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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