शब्द का अर्थ
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					वृष					 :
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					पुं० [सं०√वृष (सींचना)+क] १. साँड़। २. कामशास्त्र के अनुसार चार प्रकार के पुरुषों में से एक जो शंखिनी जाति की स्त्री के लिए उपयुक्त कहा गया है। ३. स्त्री का पति। स्वामी। ४. धर्म जिसके चार पैर माने जाते हैं और जो इसी कारण साँड़ के रूप में माना जाता है। ५. पुराणानुसार ग्यारहवें मन्वन्तर के इंद्र का नाम। ६. श्रीकृष्ण का एक नाम। ७. दुश्मन। शत्रु। ८. गेहूँ। ९. चूहा। १॰. अडूसा। ११. ऋषभक नामक ओषधि। १२. धमासा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					वृष केतन					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] शिव। महादेव।				 | 
			
			
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					वृष-चक्र					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] फलित ज्योतिष में एक प्रकार का चक्र जिसमें एक बैल बनाकर उसके भिन्न-भिन्न अंगों में नक्षत्रों आदि के नाम लिखते हैं और तब उसके द्वारा खेती संबंधी शुभाशु फल आदि निकालते हैं।				 | 
			
			
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					वृष-नाशन					 :
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					पुं० [सं०] १. पुराणानुसार श्रीकृष्ण का एक नाम २. वाय-विडंग।				 | 
			
			
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					वृषक					 :
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					पुं० [सं०] १. साँड़। २. एक प्रकार का साँप। ३. चूहा। ४. गेहूँ। ५. भिलावाँ। ६. अडूसा। ७. ऋषबक नामक ओषधि।				 | 
			
			
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					वृषकर्णी					 :
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					स्त्री० [सं०] १. सुदर्शन नाम की लता। २. एक प्रकार का विधारा।				 | 
			
			
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					वृषका					 :
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					स्त्री० [सं० वृषक+टाप्] एक नदी (पुराण)।				 | 
			
			
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					वृषकेतु					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] १. शिव या महादेव जिनकी ध्वजा पर बैल का चिन्ह माना जाता है। २. लाल गदहपुरना।				 | 
			
			
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					वृषक्रतु					 :
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					पुं० [सं० मध्यम० स० ब० स० वा] वर्षा करनेवाले इंद्र।				 | 
			
			
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					वृषगण					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] वैदिक ऋषियों का एक गण।				 | 
			
			
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					वृषण					 :
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					पुं० [सं०√वृष (उत्पन्न करना)+क्यु—अन] १. इन्द्र। २. कर्ण। ३. विष्णु। ४. पीड़ा के कारण होनेवाली बेहोशी। ५. अंडकोश। ६. साँड़। ७. घोड़ा। ८. पेड़। वृक्ष।				 | 
			
			
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					वृषण-कच्छू					 :
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					स्त्री० [सं ष० त०]१. एक रोग जिसमें पसीने, मैल आदि के कारण अंङकोष के आसपास फुन्सियां निकल आती हैं। २. उक्त रोग में निकलने वाली फुन्सियाँ।				 | 
			
			
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					वृषणाश्व					 :
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					पुं० [सं० बं० सं० या ष० त०] १. एक प्रसिद्ध वैदिक राजा। २. इन्द्र के घोड़े का नाम।				 | 
			
			
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					वृषदर्भ					 :
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					पुं० [सं० बं० सं०] १. श्रीकृष्ण का एक नाम। २. राजशिवि का एक पुत्र।				 | 
			
			
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					वृषदेवा					 :
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					स्त्री० [सं० बं० सं०] वायु पुराण के अनुसार वसुदेव की एक स्त्री।				 | 
			
			
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					वृषध्वज					 :
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					पुं० [सं० बं० सं०] शिव। महादेव। २. गणेश। ३. पुण्यशील व्यक्ति। पुण्यत्मा ४. पुराणानुसार एक पर्वत।				 | 
			
			
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					वृषध्वजा					 :
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					स्त्री० [सं०] १. दुर्गा का नाम।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					वृषपति					 :
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					पुं० [सं० षं० तं०] १. शिव महादेव। २. नपुंसक				 | 
			
			
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					वृषपर्णी					 :
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					स्त्री० [सं०] १. मूसकानि। आखुकर्णी २. दंती। ३. सुदर्शन लता।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					वृषपर्व्वा					 :
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					पुं० [सं० ब० स०, वृषपर्व्वन्] १. शिव। महादेव २. विष्णू। ३. एक असुर या दैत्य जिसने दैत्य गुरु शुक्राचार्य की सहायता से बहुत दिनो तक देवताओ के साथ युद्ध ठान रखा था। ४. भँगरा। ५. कसेरु। ६. एक प्रकार का तृण।				 | 
			
			
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					वृषप्रिय					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] विष्णु।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					वृषभ					 :
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					पुं० [सं०√वृष+अभच्, कित् ] १. बैल या साँड़। २. कामशास्त्र के अनुसार वह श्रेष्ठ पुरुष जो शंखिनी स्त्री के लिए उपयुक्त हो। ३. सूर्य की एक वीथी। ४. एक प्राचीन तीर्थ। ५. साहित्य में वैदर्भी। ६. रीति का एक भेद। कान का विवर। ७. ऋषभ नामक ओषधि				 | 
			
			
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					वृषभ-केतु					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] शिव का एक नाम।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					वृषभ-गति					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] १. शिव। महादेव। २. ऐसी सवारी जिसे बैल खीचतें हों				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषभ-ध्वज					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] महादेव जिनकी ध्वजा पर वृषभ की मूर्ति बनीं होती है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषभ-वीथी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] सू्र्य की एक वीथी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषभत्व					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० वृषभ+त्वल् ] वृषभ होने की अवस्था, धर्म या भाव। वृषभता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषभधुज					 :
				 | 
				
					पुं०=वृषभध्वज (शिव)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषभा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० वृषभ+टाप्] पुराणानुसार एक प्राचीन नदी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषभांक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] महादेव। शिव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषभाक्ष					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] विष्णू।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषभानु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] राधिका जी के पिता (पुराण)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषभानु-नंदिनी					 :
				 | 
				
					[सं० ष० त०] राधिका जी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषभानुजा					 :
				 | 
				
					स्त्री [सं० वृषाभनु√जन्+ड+टाप् ] राधिका जी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषभासा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] इन्द्रपुरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषभी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० वृषभ+डीष्] १. विधवा स्त्री। २. केवाँच। कौंछ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषरवि					 :
				 | 
				
					पुं०=वृषभानु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषल					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√वृष्+कलच्] [भाव० वृषलता] १. जिसे धर्म आदि का कुछ भी ज्ञान न हो, फलतः कुकर्मी और पापी। २. शूद्र। ३. बदचलनी या शूद्रता के कारण जातिच्युत किया हुआ ब्राहम्ण या क्षत्री। ४. घोड़ा। ५. चन्द्रगुप्त का एक नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषली					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] १. बारह विर्षीय कुमारी कन्या विशेषतः ऐसी कन्या जिसे मासिक धर्म होने लगा हो। २. रजस्वला स्त्री। ३. शूद पत्नी। ४. बाँझ स्त्री अथवा मरा हुआ पुत्र जनमनेवाली स्त्री।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषलीपति					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] वह पुरुष जिसने ऐसी कन्या से विवाह किया हो जो पहले से ही राजवस्ला हो चुकी हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषवासी (सिन)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] केरल स्थित वृष पर्वत पर रहने वाले अर्थात शिव जी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषवाहन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] शिव। महादेव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषशत्रु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] विष्णु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषस्कंध					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] शिव। महादेव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० वृष+टाप् ] १. गौ। २. मूसाकानि। आखुकर्णी। ३. केवांच। कौंछ। ४. दंती। ५. असगंध। ६. मालकंगनी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषाकापि					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०, दीर्घ] १. शिव। २. विष्णू। ३. इन्द्र। ४. सूर्य। ५. अग्नि				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषाकृति					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] विष्णु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषाक्ष					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] विष्णु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषाणक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० वृषाण+कन्] १. शिव। महादेव। २. शिव का एक अनुचर				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषाणि (णिन)					 :
				 | 
				
					पुं० [वृषण+इनि] ऋषभ नामक औषधि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषादित्य					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] वृष राशि के अर्थात वृष राशि के ज्येष्ठ मास की संक्राति का सू्र्य जिसका ताप बहुत अधिक होता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषान्तक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] विष्णु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषायण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० वृष+कक्, क-आयन, णत्व, ब० स०] १. शिव महादेव। गौरैया पछी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषायणी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०] गंगाका एक नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषाश्रित					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० तृ० त०] गंगा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषाश्व					 :
				 | 
				
					पु० [सं० ब० स०] १. एक जन्तु जिनकी बोली बहुत कर्कश होती है। २ वह लकड़ी जिससे नगाड़े पर आघात किया जाता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषासुर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मध्यम स०] भस्मासुर दैत्य का एक नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषी (षिन)					 :
				 | 
				
					पु० [सं०] मोर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषीत्सर्ग					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] पुराणानुसार एक प्रकार का धार्मिक कृत्य जिसमें लोग अपने मृत पिता आदि के नाम पर साँड़ पर चक्र दाग कर उसे यों ही घूमने के लिए छोड़ देते हैं। ऐसे साँड़ों से किसी प्रकार का काम नहीं लिया जाता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषेन्द्र					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] १. साँड। बैल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृषोदर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] विष्णु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृष्टि					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०√वृष्+क्तिन्] १. आकाश से जल की वर्षा होने की अवस्था या भाव। पानी बरसना। २. वर्षा का जल। ३. वर्षा की तरह बहुत सी छोटी छोटी चीजें ऊपर से गिरने की क्रिया या भाव। जैसे—सुमन वृष्टि। ४. किसी क्रिया का कुछ समय तक लगातार होना। जैसे—कुवाच्यों की वृष्टि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृष्टि-जीवन					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] जिसका जीवन वर्षा पर निर्भर हो। पुं० १. चातक। २. ऐसा प्रदेश या क्षेत्र जिसकी फसल बहुत कुछ वर्षा पर ही आश्रित हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृष्टि-वैकृत					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] बृहत्संहिता के अनुसार बहुत अधिक वृष्टि होने या बिलकुल वृष्टि न होना, जो उपद्रव, संकट आदि का सूचक माना जाता है। ऐसी विकृत या खराबी जो वर्षा की अधिकता अथवा कमी के फलस्वरूप उत्पन्न हुई हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृष्टिमान					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] वृष्टि-मापक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृष्टिमापक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] नल के आकार का एक प्रकार का यंत्र जिसके द्वारा यह जाना जाता है कि कितनी मात्रा में वृष्टि हुई।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृष्णि					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√वृष (सींचना)+नि,कित्] [वि० वार्ष्णेय] १. मेघ। बादल। २. इन्द्र। ३. अग्नि। ४. शिव। ५. विष्णु। ६. वायु। ७. ज्योति। ८. गौ। ९. यादव वंश। १॰. उक्त वंश में उत्पन्न होनेवाले श्रीकृष्ण। ११. मेढ़ा। पशु। १२. साँड़। वि० १. प्रचंड। उग्र। तेज। २. नीच। ३. क्रोधी। ४. नास्तिक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृष्णिक गर्भ					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] श्रीकृष्ण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृष्ण्य					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० वृष्ण+यत्] वीर्य।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृष्य					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√वृष्+क्यप्, यत्, वा] १. (पदार्थ) जिससे वीर्य और बल बढ़ता है। २. (पदार्थ) जिसके सेवन से मन में आनन्द उत्पन्न होता हो। पुं० १. ईख। ऊख। २. उड़द की दाल। ३. आँवला। ४. ऋषभ नामक ओषधि। ५. कमल की नाल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					वृष्या					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० वृष्य+टाप्] १. अष्ट वर्ग की ऋद्धि नामक ओषधि। २. शतावर। ३. आँवला। ४. बिदारीकन्द। ५. अतिबला। ककही। ६. बड़ी दंती। ७. केवाँच। कौंछ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |