शब्द का अर्थ
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					व्यवस्था					 :
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					स्त्री० [सं० वि+अव√स्था (ठहरना)+अङ्+टाप्] १. ठीक अवस्था। अच्छी हालत। २. क्रम, ढंग आदि के विचार से उपयुक्त स्थिति में होना। चीजों का ठिकाने पर तथा सजा-सँवार कर रखा होना। ३. वह कार्य या योजना जिसके फलस्वरूप हर काम ठीक-ठिकाने से किया या अपनी देख-रेख में कराया जाता है। इन्तजाम। प्रबंध (मैंनेजमेंट)। ४. आज-कल विधिक और वैधानिक क्षेत्रों में, किसी निम्नस्थ अधिकारी के निर्णय के विरुद्ध बड़े अधिकारी का दिया हुआ आदेश या किया हुआ निर्णय। मुहावरा—व्यवस्था देना=पंडितों आदि का यह बतलाना कि अमुक विषय में शास्त्रों का क्या मत अथवा आज्ञा है। किसी विषय में शास्त्रों का विधान बतलाना। ५. कार्य, कर्तव्य आदि का निर्वाह करना (डिस्पोजीशन)। ७. नियम, विधि आदि में कुछ विशिष्ट उद्देश्य से निकाली जानेवाली गुंजाइश या रास्ता (प्राविजन)।				 | 
			
			
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					व्यवस्था-पत्र					 :
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					पुं० [सं० मध्यम स०] ऐसा पत्र जिस पर कोई शास्त्रीय व्यवस्था लिखी हो। शास्त्रीय व्यवस्था का ज्ञापक पत्र।				 | 
			
			
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					व्यवस्थाता					 :
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					वि० [सं० वि+अव√स्था (ठहरना)+तृच्, व्यवस्थातृ] १. वह जो व्यवस्था करता हो। व्यवस्था या इंतजाम करनेवाला। ३. शास्त्रीय व्यवस्था देनेवाला।				 | 
			
			
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					व्यवस्थान					 :
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					पुं० [सं० वि+अव√स्था (ठहरना)+ल्युट—अन] १. उपस्थित या व्यवस्थित होना। २. व्यवस्था। प्रबंध। ३. विष्णु।				 | 
			
			
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					व्यवस्थापक					 :
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					पुं० [सं० वि+अव√स्था (ठहरना)+णिच्+ण्वुल-अक, पुक्] [स्त्री० व्यवस्थापिका] १. वह जो यह बतलाता हो कि अमुक विषय में शास्त्रों का क्या मत है। व्यवस्था देनेवाला। २. वह अधिकारी जो संस्था आदि के कार्यों का प्रबंध करता हो (मैनेजर)।				 | 
			
			
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					व्यवस्थापन					 :
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					पुं० [सं० वि+अव√स्था (ठहरना)+णिच्+ल्युट-अन, पुक्] १. व्यवस्था करने की क्रिया या भाव। २. किसी विषय में शास्त्रीय व्यवस्था देना या बतलाना।				 | 
			
			
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					व्यवस्थापनीय					 :
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					वि० [सं० वि+अव√स्था (ठहरना)+णिच्+अनीयर, पुक्] व्यवस्थापन के योग्य।				 | 
			
			
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					व्यवस्थापिका सभा					 :
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					स्त्री० [सं० मध्यम० स०] विधान सभा (दे०)।				 | 
			
			
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					व्यवस्थापित					 :
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					भू० कृ० [सं० वि+अव√स्था (ठहरना)+णिच्+क्त, पुक्] १. जिसके संबंध में किसी प्रकार का व्यवस्थापन हुआ हो। २. निर्धारित। ३. नियमित। ४. व्यवस्थित।				 | 
			
			
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					व्यवस्थाप्य					 :
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					वि० [सं० वि+अव√स्था (ठहरना)+णिच्+यत्, पुक्] व्यवस्थापन के योग्य। व्यवस्थापनीय।				 | 
			
			
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