शब्द का अर्थ
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					व्याघ्र					 :
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					पुं० [सं० वि+आ√घ्रा (सूंघना)+क] १. बाघ। शेर। २. लाल रेंड़। ३. करंज।				 | 
			
			
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					व्याघ्र ग्रीव					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] १. पुराणानुसार एक प्राचीन देश का नाम। २. उक्त देश का निवासी।				 | 
			
			
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					व्याघ्रचर्म					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] बाघ की खाल।				 | 
			
			
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					व्याघ्रता					 :
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					स्त्री० [सं० व्याघ्र+तल्+टाप्] व्याघ्र का धर्म या भाव।				 | 
			
			
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					व्याघ्रनख					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] १. बघनखा। २. नख नामक ग्रन्थ-द्रव्य। ३. थूहड़। ४. एक प्रकार का कंद।				 | 
			
			
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					व्याघ्रनखी					 :
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					स्त्री० [सं०] नख या नखी नामक गंध द्रव्य।				 | 
			
			
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					व्याघ्रपद					 :
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					पुं० [सं०] १. वशिष्ठ गोत्र के एक प्राचीन ऋषि जो ऋग्वेद के कई मंत्रों के द्रष्टा थे। २. एक प्रकार का गुल्म।				 | 
			
			
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					व्याघ्रमुख					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] १. बिल्ली। २. पुराणानुसार एक देश का निवासी। २. एक पौराणिक पर्वत।				 | 
			
			
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					व्याघ्रवक्ता					 :
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					पुं० [सं०] १. शिव। २. बिल्ली।				 | 
			
			
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					व्याघ्रिणी					 :
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					स्त्री० [सं० व्य़ाघ्र+इनि+ङीष्] बौद्धों की एक देवी।				 | 
			
			
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					व्याघ्री					 :
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					स्त्री० [सं० व्याघ्र+ङीष्] १. मादा व्याघ्र। २. एक प्रकार की कौड़ी। ३. नख नामक गन्ध द्रव्य।				 | 
			
			
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