शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					व्यान					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० वि√आ√अन्+अच्] शरीर में रहनेवाली पाँच वायुओं में से एक जो सारे शरीर में संचार करनेवाली कही गई है। सारे शरीर में इसी द्वारा रस पहुँचता है, पसीना निकलता और खून चलता है तथा अन्य शारीरिक क्रियाएँ होती है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					व्यानद्ध					 :
				 | 
				
					वि० [सं० वि+आ√नह् (बाँधना)+क्त] १. किसी के साथ अच्छी तरह से बँधा हुआ। २. परम्परा से संबद्ध।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |