संधान/sandhaan

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संधान  : पुं० [सं०] [भू० कृ० संधानित] १. निशाना लगाने के लिए कमान पर ठीक तरह से लगाना। निशाना बैठना। २. ढूँढने या पता लगाने का काम। ३. युक्त करना। मिलाना। ४. मृत शरीर को जीवित करना। संजीवन। ५. दो चीजों का मिलना। संधि। ६. किसी का किसी उद्देश्य से किसी ओर मिलना। संश्रय। (एलायन्स)। ७. धातु आदि के खंडों को मिलाकर जोड़ना (वेल्डिंग)। ८. किसी चीज को सड़ाकर उसमें खमीर उठाना (फ़मटेशन)। ९. मदिरा या शराब चुआना। १॰. मदिरा। शराब। ११. काँजी। १२. अचार। १३. सीमा। हद। १४. काठियावाड़ या सौराष्ट्र प्रदेश का पुराना नाम। १५. संधि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
संधानना  : स० [सं० संधान+ना (प्रत्य०)] १. धनुष पर बाण चढ़ाकर लक्ष्य साधना। निशाना लगाना। २. तीर या बाण चलाना। ३. किसी प्रकार का शस्त्र चलाने के लिए निशाना साधना।
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संधाना  : पुं० [सं० संधानिका] अचार।
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संधानित  : भू० कृ० [सं० संधान+इतच्] १. जोड़ा बाँधा या मिलाया हुआ। २. लक्ष्य किया हुआ। जिस पर निशाना साधा गया हो।
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संधानिनी  : स्त्री० [सं० संधान+इनि-ङीप्] गौओं के रहने का स्थान। गौशाला।
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संधानी  : स्त्री० [सं०] एक में मिलने या मिश्रित होने की क्रिया या मिलन। मिश्रण। २. प्राप्ति। लाभ। ३. बंधन। ४. अन्वेषण। तलाश। ५. पालन-पोषण। ६. काँजी। ७. अचार। ८. शराब बनाने की जगह। ९. धातुओं आदि की ढलाई करने की जगह। १॰. दे० ‘संधान’।
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